पानी के लिए तरस रहे हैं बीहड़ों में बसे सबर
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पानी के लिए जद्दोजहद. गरमी शुरू होते ही क्षेत्र में मचा हाहाकार, दूरदराज क्षेत्रों से पानी लाकर प्यास बुझा रहे लोग
पानी के लिए तरस रहे हैं बीहड़ों में बसे सबर मुसाबनी : खंड की पारुलिया पंचायत के बीहड़ गांव और टोलों के सबर पानी के लिए तरस रहे हैं. गांव के सभी जल स्रोत सूख गये हैं. वहीं चापाकल खराब पड़े हैं. पानी के अभाव में सबरों ने नहाना छोड़ दिया है. पेयजल के लिए […]
मुसाबनी : खंड की पारुलिया पंचायत के बीहड़ गांव और टोलों के सबर पानी के लिए तरस रहे हैं. गांव के सभी जल स्रोत सूख गये हैं. वहीं चापाकल खराब पड़े हैं. पानी के अभाव में सबरों ने नहाना छोड़ दिया है. पेयजल के लिए इध-उधर भटकना पड़ रहा है. खेत में गड्ढा खोद कर लोग पानी प्राप्त कर रहे हैं.
क्षेत्र के पहाड़ पर बसे धनियाबेड़ा, धीभांगा, छोलागोड़ा, तेलीमारा के सबर मोंगाधोरो नाला व खेत में गड्डा खोद कर पीने का पानी ले रहे हैं. धीभांगा के चोक्रो सबर, मोंगा सबर, बोरा सबर, कुंदर सबर समेत करीब डेढ़ दर्जन सबर परिवार रहते हैं. यहां के सबरों ने बताया कि एक मात्र चापाकल तीन वर्ष से खराब है.
भोंगा धोरा नाला सूख गया है. ग्रामीण आधा किमी दूर रोड़ोकोचा में खेत में बने गड्डे से पेयजल लाते हैं. नहाने के लिए दो किमी पैदल चल कर खेलाडीह में गड्डे के पानी में नहाने जाते हैं. चोक्रो सबर के अनुसार पानी के अभाव में तीन-चार दिन में एक बार नहाते हैं. धनियाबेड़ा गांव के लोग भी जल संकट से जूझ रहे हैं.
पहाड़ पर बसे दो दर्जन परिवार पानी के लिए पहाड़ से नीचे उतर कर करीब एक किमी दूर से सूख चुके मिरू धरा नाला के कच्चे गड्डे से पेयजल लेते हैं. छोलागोड़ा गांव में दो चापाकल व एक कुआं है. कुंआ सूख गया है और दोनों चापाकल खराब है. तेलीमारा गांव के सबर परिवार भी जल संकट से जूझ रहे हैं. स्कूल का चापाकल से गंदा पानी निकलता है. इस टोला के सबर परिवार गड्डे का पानी पीते हैं. भोंगाधोरो और मिरूधारा नाला पूरी तरह से सूख गये हैं. खेत में बने गड्डे भी सूखने की कगार पर हैं.
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