गालूडीह : पश्चिमी सिंहभूम के छोटानागरा में ऑपरेशन के दौरान जिसे नक्सली सोमा गुड़िया बताकर फरजी मुठभेड़ में मार दिया गया था, वह व्यक्ति सोमा गुड़िया था ही नहीं. सीआइडी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है.
सीआइडी के सूत्रों के अनुसार, विभाग के अधिकारी जब मृत सोमा गुड़िया के परिजनों को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने के लिए तलाश करने लगे, तब उन्हें यह जानकारी मिली कि जिस मृत व्यक्ति को चाईबासा निवासी सोमा गुड़िया बताया गया था. वह चाईबासा के किसी गांव का भी रहने वाला नहीं था. उसे फरजी मुठभेड़ में मारने से पूर्व उसका नाम सोमा गुड़िया रख दिया गया था.
सीआइडी के अधिकारियों को सोमा गुड़िया के परिजनों के खूंटी में रहने की जानकारी मिली. लेकिन खूंटी में भी सोमा गुड़िया के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला. सीआइडी के अधिकारी अब इस आस में हैं कि मृत सोमा गुड़िया का कोई परिजन उनके पास पहुंचे और उसे मुआवजा प्रदान किया जा सके. साथ ही सोमा गुड़िया के असली नाम के बारे में जानकारी मिल सके.
उल्लेखनीय है इस मुठभेड़ के संबंध में पश्चिमी सिंहभूम जिला में कांड संख्या 11/ 11 के अंतर्गत मामला दर्ज है. मामले में अनुसंधान की जिम्मेवारी बाद में जिला पुलिस से सीआइडी को दी गयी.
जांच के दौरान सीआइडी के अधिकारियों ने पाया कि जिस सोमा गुड़िया को मुठभेड़ में सीआरपीएफ और पुलिस ने नक्सली बताकर मार दिया था. वह सोमा गुड़िया कोई नक्सली था ही नहीं. उसे नक्सलियों के खिलाफ अभियान में सहयोग के लिए लगाया गया था. लेकिन बाद में उसे ही नक्सली बताकर गोली मार दी गयी. इसके बाद कहा गया कि सोमा गुड़िया एक नक्सली था और वह मुठभेड़ में मारा गया.