दारीसाई में विश्व स्वायल हेल्थ दिवस पर समारोह आयोजित
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देश की सबसे बड़ी ताकत है कृषि : लक्ष्मण
दारीसाई में विश्व स्वायल हेल्थ दिवस पर समारोह आयोजित जिले के विभिन्न प्रखंडों के 500 किसानों को मिला स्वायल हेल्थ कार्ड गालूडीह : दारीसाई कृषि विभाग केंद्र में मंगलवार को विश्व स्वायल हेल्थ दिवस मनाया. मुख्य अतिथि विधायक लक्ष्मण टुडू, विशिष्ठ अतिथि जिला कृषि पदाधिकारी कालीपद महतो, केबीके की कार्यक्रम समन्वयक डॉ आरती वीणा एक्का, […]
जिले के विभिन्न प्रखंडों के 500 किसानों को मिला स्वायल हेल्थ कार्ड
गालूडीह : दारीसाई कृषि विभाग केंद्र में मंगलवार को विश्व स्वायल हेल्थ दिवस मनाया. मुख्य अतिथि विधायक लक्ष्मण टुडू, विशिष्ठ अतिथि जिला कृषि पदाधिकारी कालीपद महतो, केबीके की कार्यक्रम समन्वयक डॉ आरती वीणा एक्का, जिला पशु पालन पदाधिकारी श्री चौहान ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया. विधायक ने कहा कि देश और राज्य की सबसे बड़ी ताकत कृषि है. भारत कृषि प्रधान देश है. इसमें चुनौतियां हैं, पर इसे स्वीकार कर आगे बढ़ना होगा. हर किसी को उत्पादक बनना है.
कल की खेती अलग थी आज अलग है. मिट्टी की उर्वरा शक्ति पहले की तुलना में घटी है. इसका कारण रासायनिक खाद का अधिक प्रयोग है. इस केंद्र में सिंगल विंडो सेंटर के खुलने से किसानों को लाभ मिलेगा. किसानों को अपने खेत को उद्योग समझना होगा. मिट्टी उर्वरा शक्ति बढ़ने से आर्थिक मजबूती मिलेगी.
समारोह का संचालन कृषि वैज्ञानिक भूषण प्रसाद ने किया. समारोह में कृषि वैज्ञानिक डॉ रवींद्र मोहन मिश्रा, अंजली मिश्रा, गोदरा मार्डी, डॉ एमके वर्णवाल, डॉ डी रजक, प्रदीप प्रसाद समेत अनेक किसान उपस्थित थे.
जिले में 5000 पंप सेट, 50 प्रतिशत अनुदान में मिलेगा : डीएओ : जिला कृषि पदाधिकारी कालीपद महतो ने कहा जिले में 5000 पंप सेट है. किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान में मिलेगा. मनरेगा से तालाब, कुआं बनाने वाले किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान में पंप सेट दे रहे हैं. पूंजी लिए किसान केसीसी ले सकते हैं. जिले में 55 मिट्टी जांच कीट आया है. सिंगल विंडो सेंटर के किसानों का हित होगा.
किसानों ने किये सवाल, मिला जवाब : समारोह में किसानों से उनकी समस्याएं पूछी गयी. किसान उपेंद्र साव, रूपेन महतो, हराधन मांझी, हरी चंद्र, श्रीसंत मिश्रा, राम सोरेन,यदुनाथ गोराई आदि ने कई सवाल पूछे. आज कृषि की सबसे प्रमुख समस्या पानी की है. वर्षा जल संचय सही से नहीं हो रहा. बीज, खाद, पूंजी, बाजार,मिट्टी जांच, कोल्ड स्टोर की समस्या गंभीर है. ऐसे में किसान कैसे आगे बढ़ेंगे. एक किसान ने कहा पाठ्यक्रम में कृषि को शामिल करने की मांग की. किसानों के सवालों का जिला कृषि पदाधिकारी ने एक-एक कर जवाब दिया.
समेकित कृषि प्रणाली अपना रहे किसान : डॉ आरती
केबीके की कार्यक्रम समन्वयक डॉ आरती वीणा एक्का ने कहा कि धीरे-धीरे किसान समेकित कृषि प्रणाली अपनाने लगे हैं. कृषि के साथ पशुपालन पर जोर दिया जा रहा है. पर्यावरण और जीवन को स्वस्थ रखने के मिट्टी का स्वस्थ होना जरूरी है. 155 हेक्टेयर में चना, अरहर, सरसों का प्रत्यक्षण किया गया है.
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