दुमका : सांसद निशिकांत दुबे ने अपने संबोधन में संताल परगना की समस्याओं और अब तक हुई इस क्षेत्र की उपेक्षाओं पर सीएम का ध्यानाकृष्ट कराया. कहा, अधिकारी सही तथ्यों को छिपाते हैं.
इसके चलते ही संताल परगना वर्षों से उपेक्षित रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मुंबई में बड़े उद्योगपतियों को झारखंड में आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन इस राज्य के 15 साल गुजर जाने के बाद भी लोगों को शुद्ध पानी नसीब नहीं हो रहा है. 92 प्रतिशत भूमि में सिंचाई की सुविधा नहीं है. बिहार सरकार ने पानी तक बंगाल को बेच दिया है.
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बंगाल तभी बात करेगा, जब मयुराक्षी के उदगम स्थल त्रिकुट पर हम इस नदी के पानी को रोक देंगे. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के 60 से अधिक उपक्रम केवल छोटानागपुर और हजारीबाग आदि क्षेत्रों में है. इस क्षेत्र में अब तक एग्रीकल्चर कॉलेज व यूनिवर्सिटी नहीं खुला. जो आइटीआइ खुले, उनमें केवल साहिबगंज में ही संचालित हो रहा है.
योजना बस झांकी है अन्य विभाग अभी बाकी : लोइस
स्थानीय विधायक सह राज्य की समाज कल्याण मंत्री डॉ लोइस मरांडी ने कहा है कि पथ निर्माण की ये योजनाएं महज एक झांकी है, अन्य विभाग अभी बाकी है. उन्होंने कहा कि साल भर में बिजली की स्थिति में सुधार हुई है. शहर ही नहीं गांवों में भी अब 22 से 23 घंटे बिजली मिल रही है. बजट में मेडिकल के क्षेत्र में कई प्रावधान किये गये हैं. मेडिकल काॅलेज का काम भी जल्द शुरू हो जायेगा. आने वाले दिनों में स्वास्थ्य की समस्या दूर हो जायेगी.
उपराजधानी में भी आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जा रहा है. जनजातीय विकास परिषद के जरिये 1000 ऐसे गांवों में लोगों के संबल बनाने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने दुमका में सिबरेज एंडड्रेनेज सिस्टम पर जोर दिया और सीएम को अवगत कराया कि ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं रहने से बारिश होने पर दुमका शहर के कई हिस्से जलमग्न हो जाते हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं से सेतु की भांति काम करने व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजनों तक पहुंचाने की अपील की.
न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर कृषक मित्रों ने किया प्रदर्शन
जिस वक्त गांधी मैदान में कार्यक्रम चल रहा था और मुख्यमंत्री मंच पर थे, उस वक्त थोड़ी देर के अंतराल में प्रदर्शन करते हुए गरडी के ग्रामीण तथा जिले के कृषक मित्र बैनर व तख्तियां लिए पंडाल के अंदर पहुंच गये.
हालांकि ज्ञापन देकर ये शांत हो गये. कृषक मित्रों का संगठन 2012 से न्यूनतम मजदूरी के बराबर मानदेय देने की मांग कर रहा था. कृषक मित्रों की ओर से प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार भगत, जिला सचिव रामशंकर राय, शंकर कुमार, उमेश कुमार, सुुदीप कुमार गुप्ता ने कल्याण मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा.