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दुमका में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ी

कमी. कुपोषण उपचार केंद्र में समुचित बेड की व्यवस्था नहीं, हो रही परेशानी 2014 में 198 बच्चों की संख्या से बढ़कर 2015 में हो गयी 212 वर्ष 2016 में बच्चों की संख्या हो गयी 221 इस वर्ष अगस्त तक यह संख्या 212 पहुंची, आंकड़ा 300 तक पहुंचने की है उम्मीद दुमका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

कमी. कुपोषण उपचार केंद्र में समुचित बेड की व्यवस्था नहीं, हो रही परेशानी
2014 में 198 बच्चों की संख्या से बढ़कर 2015 में हो गयी 212
वर्ष 2016 में बच्चों की संख्या हो गयी 221
इस वर्ष अगस्त तक यह संख्या 212 पहुंची, आंकड़ा 300 तक पहुंचने की है उम्मीद
दुमका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये भारत-2022 के लिए संकल्प से समृद्धि का जो नारा दिया है, उसमें देश को भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण और सांप्रदायिकता जैसी हर तरह की समस्याओं से भारत को मुक्त बनाने की बात कही है, लेकिन झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या है.
राज्य के संतालपरगना के इन जनजातीय इलाकों में कुपोषण के कुछ अधिक ही मामले देखने को मिलते हैं. प्रभात खबर ने पड़ताल की, तो पाया कि कुपोषण उपचार केंद्र पहुंचने वाले बच्चों की संख्या इस वर्ष काफी बढ़ी है और अमूमन सभी 15 सीटों पर बच्चे यहां रहते हैं और उनकी मॉनिटरिंग की जाती है. हालांकि लगातार कुपोषित बच्चों का पाया जाना चिंता का विषय भी है.
दुमका के सदर अस्पताल समीप डायग्नोस्टिक सेंटर में जहां कुपोषण उपचार केंद्र चल रहा है, वहां 2014 में 198 कुपोषित बच्चे का इलाज हुआ. 2015 में यह संख्या बढ़कर 212 , 2016 में 221 और इस वर्ष अगस्त माह तक ही यह आंकड़ा 212 तक पहुंच गया है. माना जा रहा है कि इस वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 300 तक आ जायेगा. इस केंद्र के प्रभारी डॉ दिलीप भगत बताते हैं कि कुपोषण के मामले इस क्षेत्र में अधिक हैं. इसका सबसे बड़ा कारण संतुलित व पौष्टिक भोजन का अभाव, समय पर टीकाकरण न होना, मां का दूध बच्चों को नहीं मिलना और उनके बीमार पड़ने पर सही इलाज की व्यवस्था नहीं होना है.
शिशुओं के लिए प्रोटीन की जरूरत
उम्र वजन ऊर्जा (कैलोरी) प्रोटीन (ग्राम)
0-6 माह 3-7 किग्रा 600 11
6-12 माह 7-9 किग्रा 800 13
1-3 वर्ष 9-13 किग्रा 1200 18
4-6 वर्ष 15-17 किग्रा 1500 22
बच्चों के लिए संतुलित आहार
खाद्य समूह उम्र (6-12 माह) उम्र (1-3 वर्ष)
अनाज/बाजरा 45 120
दाल 15 30
दूध (मिली) 500 500
कंद-मूल 50 50
दूसरी सब्जियां 25 50
फल 100 100
चीनी 25 25
वसा-तेल 10 20
बेड बढ़ाये जाने की है जरूरत
केंद्र के प्रभारी डॉ दिलीप भगत ने बताया कि दुमका जिला मुख्यालय के अलावा रानीश्वर व जरमुंडी में भी कुपोषण उपचार केंद्र चल रहे हैं. दुमका में कुपोषित बच्चे अधिक पहुंचते हैं जबकि केंद्र में 15 ही बेड हैं. कई वेटिंग में रह जाते हैं. किसी का पूरा इलाज हो जाता है, तो उनके जाने पर दूसरे बच्चे को बुलवाया जाता है. बेड बढ़ जाने से एक साथ अधिक बच्चों का इलाज हो पाना संभव हो पायेगा.
मिशन 2019 की तैयारी में जुट जायें कार्यकर्ता
पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रशिक्षण महाअभियान के तहत भाजपा के जामा विसस्तरीय कार्यक्रम के समापन समारोह में कल्याण मंत्री डॉ लोइस मरांडी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता जनता व सरकार के बीच सेतु का काम करें.
बूथ स्तरीय कार्यकर्ता अपने अपने बूथ स्तर पर जनता को जागरूक बनाये तथा मिशन 2019 को लेकर अभी से ही तैयारी शुरू कर दें. हर बूथ पर संगठनात्मक स्थिति मजबूत होगी, तभी विधानसभा-लोकसभा चुनावों में हम शानदार कर पायेंगे. स्वास्थ्य सेवा के विषय में चर्चा करते हुए लोइस मरांडी ने कहा कि दुमकावासियों को विरासत मे निम्न स्तर की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध थी, जिसे रघुवर सरकार बेहतर बनाते हुए मेडिकल कॉलेज खोलने की शुरुआत तक कर दी है. शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक परिवर्तन नजर आयेगा. दुमका में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना व मसलिया में नया नवोदय विद्यालय खोलने की शुरुआत हो चुकी है. नेतरहाट के तर्ज पर दुमका में विद्यालय तथा मॉडल कॉलेज खोलने की योजना प्रस्तावित है.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मरांडी ने कहा कि हमारे बूथस्तरीय कार्यकर्ता ऐसा काम की बूथ स्तर पर किसी भी प्रकार की समस्या न रहे. विकास अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. मंत्री ने अपने विभाग की चर्चा करते हुए जाहेर थान बनाने के अड़चनों को दूर करने की बात कही. जामा विधानसभा क्षेत्र से झामुमो को विदा कर भाजपा की झोली में सीट डालने का संकल्प दिलाया.
कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष निवास मंडल, पूर्व विधायक सुनील सोरेन, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेश मुर्मू, प्रशिक्षण समन्वयक सीताराम पाठक, सह समन्वयक संजय शौर्य, जिला उपाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, सतीश राय, कार्यक्रम के संयोजक मनोज पांडेय, सह संयोजक गोकुल बिहारी सेन, मंडल अध्यक्ष राजू पुजहर, रामचंन्द्र खिरहर, दीपक साह, सुरेश गुप्ता, विमल मरांडी, सोशल मीडिया के जिला संयोजक बबलु मंडल, इंद्रकांत यादव, कृष्णा सोरेन, नकुल यादव आदि सैकड़ों बूथ स्तरीय कार्यकर्ता मौजूद थे .

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