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बच्चों को कुएं में फेंक मां ने खुद काट ली थी चोटी

इधर, दुमका में चोटी कटने व बच्चों को मारने का सच दुमका : शुक्रवार की दोपहर शिकारीपाड़ा बाजार क्षेत्र में महिला की चोटी काटने और उसके दो बच्चों की कुआं में फेंक कर हत्या करने के मामले में हतप्रभ कर देनेवाली सच्चाई सामने आयी है. दरअसल दोनों जुड़वां बच्चों की कुएं में फेंक कर हत्या […]

इधर, दुमका में चोटी कटने व बच्चों को मारने का सच

दुमका : शुक्रवार की दोपहर शिकारीपाड़ा बाजार क्षेत्र में महिला की चोटी काटने और उसके दो बच्चों की कुआं में फेंक कर हत्या करने के मामले में हतप्रभ कर देनेवाली सच्चाई सामने आयी है. दरअसल दोनों जुड़वां बच्चों की कुएं में फेंक कर हत्या किसी और ने नहीं खुद उन्हें जन्म देनेवाली मां ने ही की थी. लगातार चली पूछताछ के बाद महिला समाप्ति साहा ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. उसने बताया कि वह अपने उन दोनों बच्चों को रखना नहीं चाहती थी.
बच्चों को कुएं में फेंक…
पहले भी वह उन्हें मारने की असफल कोशिश कर चुकी थी. जब उसे पता चला था उसके गर्भ में जुड़वा बच्चे पल रहे थे, तब प्रसव से पूर्व भी उसने दवा खाकर गर्भस्थ शिशुओं को मारने का प्रयास किया था. तब सिउड़ी (वीरभूम) में उसका इलाज चला था. इलाज समय पर होने की वजह से उस वक्त बच्चों को नुकसान नहीं पहुंचा था. पहले से ही एक बेटा रहने के बाद जुड़वा बच्चों को न पाल सकने की बात उसके मन-मस्तिष्क में घर कर गया था. वह दोनों बच्चों को लेकर भी विपरीत मनोदशा से गुजर रही थी.
सावधानी से साजिश को दिया अंजाम : शुक्रवार की दोपहर को समाप्ति साहा ने दोनो बच्चों को दूध पिलाया. खुद भी खाना खाया. सास-ससुर भी खाना खाकर दूसरे कमरे में सो रहे थे. इस दौरान चोटीकटवा को आधार बना कर अपने दोनों मासूम बच्चों को बारी-बारी से कुएं में फेंक दिया तथा कैंची से अपने बाल काट लिया था. इसके बाद वह सो गयी. सात साल के बड़े बेटे ने स्कूल से आने के बाद दोनों भाइयों को न देख उन्हें खोजा था, तब बच्चों के कुएं में पड़े रहने की बात सामने आयी थी. काटी गयी चोटी के बाल को महिला ने एक बैग में डाल कर बेडरूम में ही टांग दिया था और पलंग पर सो गयी थी.
छह माह पहले की थी आत्महत्या की कोशिश
समाप्ति साहा ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया कि गर्भवती होने पर छठे माह में ही उसे जुड़वां बच्चे गर्भ में होने की जानकारी हो गयी थी. जुड़वां बच्चे के पालन-पोषण को लेकर मन में हमेशा अशांति छायी रहती थी. इसी कारण से 6 माह पूर्व उसने नींद की गोली खाकर मरने का भी प्रयास किया था. समाप्ति साहा ने घर के किसी भी सदस्य का इस घटना में दोष नहीं बताते हुए बच्चों के लालन-पालन की चिंता व विषाद के कारण बच्चों को कुएं में फेंकने की बात स्वीकार की है.

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