36.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्या के मुख्य सूत्रधार संतोष सिंह चार साल बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर, जानें किन आरोपियों की कब हुई गिरफ्तारी

उस आरोपी के बारे में यहां की पुलिस के पास आज भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जबकि घटना को चार वर्ष बीत गये. याद रहे कि नीरज सिंह हत्याकांड मामले की सुनवाई अभी कोर्ट में चल रही है. मामले में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह दुमका सेंट्रल जेल में बंद हैं. उन पर हत्या के षड्यंत्र का आरोप है.

Jharkhand Crime News, Dhanbad News, Neeraj Singh Murder case धनबाद : पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में धनबाद पुलिस अब तक संतोष सिंह उर्फ नामवर को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पुलिस फाइल में संतोष का नाम तो अवश्य है, लेकिन ऐसा लगता है कि केस की विवेचना कर रहे अधिकारी उसे भूल गये हैं. आरोप है कि संतोष ने हत्याकांड में सूत्रधार की भूमिका निभायी थी.

उस आरोपी के बारे में यहां की पुलिस के पास आज भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जबकि घटना को चार वर्ष बीत गये. याद रहे कि नीरज सिंह हत्याकांड मामले की सुनवाई अभी कोर्ट में चल रही है. मामले में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह दुमका सेंट्रल जेल में बंद हैं. उन पर हत्या के षड्यंत्र का आरोप है.

21 मार्च, 2017 को नीरज सिंह, उनके पीए अशोक यादव, निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोलटू की हत्या कर दी गयी थी. पुलिस संजीव सिंह के अलावा कई शूटरों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें एक नाम पंकज सिंह का भी था. पुलिस जांच में पता चला कि पंकज ही संतोष सिंह उर्फ नामवर से मिल कर शूटरों को धनबाद लाया था.

खुलासा हुआ है कि पंकज ने संतोष सिंह से फोन पर संपर्क साधा था. इस हत्याकांड में शूटर व पंकज के बीच की कड़ी संतोष ही है. जब सभी नामजद आरोपियों के साथ शूटर गिरफ्तार हुए तो पुलिस संतोष सिंह को पकड़ने के लिए टेक्निकल सेल से लेकर पंकज सिंह द्वारा बताये ठिकानों तक पर छापेमारी की, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. पुलिस अभी तक यह भी पता नहीं लगा पायी है कि संतोष सिंह उर्फ नामवर है कौन और कहां रहता है.

वह किस गैंग के लिए काम करता है और उसका पंकज से क्या रिश्ता है. अगर संतोष पकड़ा जाता तो पुलिस को इस हत्याकांड के उद्भेदन में काफी मदद मिलेगी.

कब-कब किसकी गिरफ्तारी

अमन सिंह (राजे सुल्तानपुर, काजीपुर जगदीशपुर, जिला-आंबेडकर नगर) को तीन मई, 2017 को मिर्जापुर में जेल के पास आर्म्स के साथ एसटीएफ ने पकड़ा. अमन मिर्जापुर जेल में बंद अपने दोस्त रिंकू सिंह से मिलने गया था.

कुर्बान अली उर्फ सोनू (सरैया मुस्तफाबाद, कादीपुर, जिला-सुल्तानपुर) को तीन जून, 2017 को यूपी कैंट स्टेशन से गिरफ्तार किया गया. सोनू यूपी पुलिस का 25 हजार का इनामी भी है.

विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू (राज बहादपुर, मामझर झलिया जिला-सुल्तानपुर) को प्रतापगढ़ में 24 जून को लोकल पुलिस ने गिरफ्तार किया.

चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश (मधुबनी, बरैया जिला-बलिया) को आठ जुलाई को वाराणसी में कारतूस व गोली के साथ पकड़ा गया.

पंकज सिंह (बुधापुर, लंभुआ, जिला-सुल्तानपुर) ने यूपी के सुल्तानपुर कोर्ट में 14 सितंबर को सरेंडर किया. पंकज को हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताया गया था. शूटरों को हायर कर धनबाद लाने, ठहराने व भगाने में पंकज की खास भूमिका रही. पंकज मुन्ना बजरंगी गैंग का शाॅर्प शूटर था.

शूटरों को कुसुम विहार में किराये का मकान दिलाने वाले मृत्यंजय गिरि उर्फ डब्लू गिरि को सात अप्रैल, 2017 को पकड़ा गया.

Posted By : Sameer Oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें