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एक तरफ मार्च सीलिंग, दूसरी तरफ निकासी का दबाव
धनबाद : एक तरफ मार्च में राशि निकासी की सीलिंग. दूसरी तरफ, राशि निकासी के लिए दबाव. झारखंड सरकार द्वारा रोज जारी हो रहे निर्देश से जिला स्तर के अधिकारी सकते में हैं. किसका आदेश मानें, किसका नहीं. राज्य वित्त विभाग द्वारा फरवरी में जारी सर्कुलर के अनुसार सभी विभागों को चालू वित्त वर्ष 2016-17 […]
धनबाद : एक तरफ मार्च में राशि निकासी की सीलिंग. दूसरी तरफ, राशि निकासी के लिए दबाव. झारखंड सरकार द्वारा रोज जारी हो रहे निर्देश से जिला स्तर के अधिकारी सकते में हैं.
किसका आदेश मानें, किसका नहीं. राज्य वित्त विभाग द्वारा फरवरी में जारी सर्कुलर के अनुसार सभी विभागों को चालू वित्त वर्ष 2016-17 में आवंटित फंड का 85 फीसदी राशि की निकासी 28 फरवरी तक कर लेनी थी. फरवरी माह के अंतिम तीन-चार दिन बड़ी संख्या में कोषागार से विपत्र भी पास हुआ. मार्च में कोषागार जा रहे विपत्र पर 15 फीसदी सीलिंग का सवाल उठा कर लौटा दिया जा रहा है. दूसरी तरफ, मार्च में भी कई विभागों द्वारा राशि आवंटित की जा रही है. साथ ही संबंधित विभाग के प्रमुख द्वारा आवंटित राशि की निकासी व खर्च के लिए जिला स्तरीय पदाधिकारी पर दबाव बनाया जा रहा है. लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर राशि खर्च करने को कहा जा रहा है. कई विभागों में अंतिम समय में राशि निकासी के लिए विपत्र भी बना कर भेजा जा रहा है.
29 मार्च तक ही बिल जमा करने का आदेश : 30 मार्च को सरहूल का सार्वजनकि अवकाश होने के कारण सभी विभागों को 29 मार्च को ही बिल जमा करने का निर्देश दिया गया है.
अपर मुख्य सचिव (वित्त) सह विकास आयुक्त अमित खरे द्वारा जारी आदेश में 31 मार्च को दोपहर 12 बजे तक ही जरूरी विपत्र कोषागार में लेने की अनुमति दी गयी है. इस आलोक में उपायुक्त ए दोड्डे ने भी सभी अधिकारियों को बचे हुए विपत्र 29 मार्च तक ही जमा करने को कहा है.
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