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सरकार संसाधन बढ़ाये, तभी गांवों में पहुंचेगी स्वास्थ्य सेवा

धनबाद: झारखंड सहित देश भर में चिकित्सकों की काफी कमी है. ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों तक सेवा नहीं पहुंच रही है. जिन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सक हैं, वहां संसाधन नहीं है. ऐसे में बिना संसाधन के मरीजों का इलाज नहीं हो सकता है. इसके लिए डॉक्टर दोषी नहीं है. सरकार को पहल करनी होगी. उक्त […]

धनबाद: झारखंड सहित देश भर में चिकित्सकों की काफी कमी है. ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों तक सेवा नहीं पहुंच रही है. जिन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सक हैं, वहां संसाधन नहीं है. ऐसे में बिना संसाधन के मरीजों का इलाज नहीं हो सकता है. इसके लिए डॉक्टर दोषी नहीं है. सरकार को पहल करनी होगी. उक्त बातें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (एकाडमी ऑफ मेडिकल स्पेशियालिटी) के नेशनल सेक्रेटरी डॉ वीएस राव ने पत्रकारों से कही. मौका था.

आइएमए (एएनएस) के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का. डॉ राव ने कहा कि सरकार को ईमानदारी से अपना काम करना पड़ेगा. आइएमए के कई अलग-अलग विंग हैं. सभी विंग आम लोगों को बीमारियों के प्रति जागरूक कर रहा है. आइएमए ग्रामीण इलाकों में जाकर विशेष कैंप लगायेगा.

कार्यक्रम में आइएमए (एएनएस) के चेयरमैन डॉ एके चक्रवर्ती, आइएमए (एएनएस) के सचिव डॉ वीके पांडेय, पीएमसीएच प्राचार्य डॉ अरुण कुमार, डॉ आरडी दूबे, डॉ शिशिर शर्मा, डॉ वीएसवी प्रसाद, डॉ एनके सिंह, डॉ लीना सिंह, डॉ डीके सिंह, आइएमए धनबाद सचिव डॉ सुशील कुमार, डॉ जीएस पांडेय, डॉ बीके सिंह आदि मौजूद थे.
झारखंड में लागू होगा मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट : आइएमए के स्टेट प्रसिडेंट डॉ एके सिंह व सचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू होगा. इसके लिए सरकार ने वादा किया है. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. आये दिन डॉक्टरों के साथ मारपीट व तोड़फोड़ की घटनाओं में इस एक्ट से कमी आयेगी. इसके लिए लंबे समय से आइएमए आंदोलनरत हैं.
एकाडेमिक सेशन में डायबिटिज पर चर्चा : कार्यक्रम में एकेडमिक सेशन हुआ. आर ऑल ग्लिपटिन सेम टॉपिक (वन) में स्पीकर डॉ वीके पांडेय ने बताया कि भारत तेजी से सुगर, हार्ट व किडनी की बीमारी वाला देश बन रहा है. इन बीमारियों की राजधानी दुनिया में हमारी देश ही बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि चरक संहिता में आज से 1500 बीसी पूर्व सुगर को प्रमेह कहा गया है. हनी व यूरिन को जोड़कर मधुमेह बना है. इस टॉपिक के मॉडिरेटर डॉ शिशिर शर्मा थे.
टॉपिक (टू) में डॉ वीएसवी प्रसाद ने विषय को रखा. उन्होंने सुगर की बीमारी में आ रहे तरह-तरह के बदलाव की भी जानकारी दी. ग्लिपटिन दवा के असर पर विस्तार से चर्चा हुई. मॉडिरेटर डॉ एनके सिंह थे.
डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर हुई बहस
कार्यक्रम में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सचिव डॉ सुशील कुमार ने कहा कि बैठक कर कार्यक्रम करने से कुछ नहीं होगा. आये दिन चिकित्सकों के साथ मारपीट व तोड़फोड़ हो रही हैं. इस पर नेशनल विंग कुछ नहीं कर रहा है. डॉ सुशील के सवालों का जवाब डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने दिया. कहा कि दिल्ली, मुंबई के आइएमए पर निर्भरता छोड़िये. आपको आगे आना है. आप एकजुट होइये. संगठन के लिए समय दीजिए, सभी समस्याएं कम होंगी.

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