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हजारीबाग सेंट्रल जेल भेजे गये रामधीर

धनबाद: विनोद सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजायाफ्ता जमसं (कुंती गुट) के अध्यक्ष व सह बलिया के पूर्व जिस अध्यक्ष रामधीर सिंह को गुरुवार को 27-3 एस्कॉट के साथ धनबाद मंडल कारा से सेंट्रल जेल हजारीबाग शिफ्ट किया गया. जेल आइजी सुमन गुप्ता के निर्देश पर हजारीबाग भेजा गया. रामधीर सिंह के साथ 21 और […]

धनबाद: विनोद सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजायाफ्ता जमसं (कुंती गुट) के अध्यक्ष व सह बलिया के पूर्व जिस अध्यक्ष रामधीर सिंह को गुरुवार को 27-3 एस्कॉट के साथ धनबाद मंडल कारा से सेंट्रल जेल हजारीबाग शिफ्ट किया गया. जेल आइजी सुमन गुप्ता के निर्देश पर हजारीबाग भेजा गया. रामधीर सिंह के साथ 21 और सजायाफ्ता कैदी को हजारीबाग शिफ्ट किया गया, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं.

रामधीर सिंह को हजारीबाग भेजने के पहले ही धनबाद पुलिस व प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली थी. उन्हेंं लेकर एसडीओ महेश संथालिया, असिस्टेंड जेलर केआर पासवान सहित कई पुलिस पदाधिकारी हजारीबाग तक गये. इधर, धनबाद में भीड़ भाड़ के कारण सुबह से ही डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर डीएन बंका, सरायढेला थाना प्रभारी अरविंद कुमार, सर्जेंट मेजर ओम प्रकाश दास सहित दर्जनों पुलिसकर्मी तैनात थे.

मैंशन का काफिला भी साथ गया : सिंह मैंशन के समर्थक व परिवार के कुछ लोग भी उनके साथ चल रहे थे. रामधीर सिंह को किसी तरह की परेशानी न हो, इसे लेकर मैंशन की लगभग आधा दर्जन स्कॉर्पियो साथ में चल रही थी. सेंट्रल जेल पहुंचाने के बाद काफिला लौट आया.
रामधीर सिंह मंडल कारा के अंदर अस्पताल में भरती थे. सुबह उन्हें हजारीबाग जाने के लिए कहा गया तो वह बीमारी का बहाना बताने लगे. वह काफी नौटंकी करने लगे. इसके बाद उन्हें सुबह में डॉक्टर से जांच करवायी गयी. डॉक्टर ने उन्हें फिट करार दिया. उसके बाद भी वह यहीं रहने की जिद्द करने लगे. लेकिन जेल प्रबंधन सख्त हुआ और उन्हें जेल मैनुअल के बारे में बताया गया. उसके बाद काफी सोच विचार किया फिर जाने को राजी हुआ. इसके बाद मिनी बस से ले जाये गये. उस गाड़ी में दो महिला कैदी व पुलिस कर्मी थे. शेष 19 कैदियों को जेल के कैदी वेन से ले जाया गया. वहीं उनकी गाड़ी के साथ कुल चार वाहन एस्कॉट कर रहे थे.
अब ‘चाचा’ से नहीं मिल पायेंगे समर्थक
चाचा रामधीर सिंह का नया ठिकाना गुरुवार से हजारीबाग के सेंट्रल जेल हो गया. 20 फरवरी को उन्होंने विनोद सिंह हत्याकांड में कोर्ट में सरेंडर किया था, उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में धनबाद जेल भेजा गया था. उस समय से लेकर गुरुवार की सुबह तक उनके समर्थक और परिचित प्रतिदिन धनबाद जेल में मिलने के लिए आ रहे थे, लेकिन अब समर्थक उनसे नहीं मिल पायेंगे. सेंट्रल जेल में कैदी से मुलाकात करने का नियम नहीं है.

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