इधर, डोर टू डोर कलेक्शन के लिए 11 एनजीओ से करार किया गया. वर्क आर्डर पर जारी कर दिया गया. लेकिन संसाधन के अभाव में एनजीओ का काम लगभग ठप है. एनजीओ की मानें तो एक घर का कचरा उठाने के लिए 34.83 पैसा दिया जा रहा है जो काफी कम है. एक एनजीओ को मात्र एक ठेला दिया गया. ट्रिपर की मांग करने पर कहा जा रहा है कि ड्राइवर व तेल का पैसा एनजीओ को ही देना है. ऐसे में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन संभव नहीं दिख रहा है.
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डोर टू डोर कचरा कलेक्शन केवल नाम का
धनबाद: स्वच्छ भारत मिशन की हवा निकल रही है. एप से सफाई में भले ही धनबाद को नंबर वन का खिताब मिल रहा है लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ अलग है. शहर के मुख्य सड़कों की सफाई व्यवस्था में थोड़ी सुधार तो है लेकिन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, नाली की साफ-सफाई, कचरा डंपिंग समस्या […]
धनबाद: स्वच्छ भारत मिशन की हवा निकल रही है. एप से सफाई में भले ही धनबाद को नंबर वन का खिताब मिल रहा है लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ अलग है. शहर के मुख्य सड़कों की सफाई व्यवस्था में थोड़ी सुधार तो है लेकिन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, नाली की साफ-सफाई, कचरा डंपिंग समस्या आज भी बरकरार है. वार्ड सेनेटेशन प्लान बना, लेकिन उस पर अब तक सही ढंग से काम शुरू नहीं हो पाया. फिलवक्त नगर निगम का पूरा फोकस स्वच्छता एप है.
यूजर चार्ज कौन वसूलेगा यह तय नहीं : डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का यूजर चार्ज कौन वसूलेगा, यह अब तक नहीं हुआ है. जबकि टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. पिछले एक सप्ताह से फाइल कभी इस टेबल तो कभी उस टेबल पर चक्कर काट रही है. यूजर चार्ज के लिए भी सर्वेक्षण में अंक हैं.
हर दिन जेनेरेट होता है 540 मिट्रिक टन कचरा : शहर में हर दिन 540 मिट्रिक टन कचरा जेनेरेट होता है. प्रत्येक वार्ड में तीन से चार ट्रिप ही कचरा हर दिन उठता है. शत प्रतिशत कचरा उठाव सुनिश्चित करने के लिए नगर आयुक्त ने सभी कार्यपालक पदाधिकारी को प्रत्येक दिन एक-एक वार्ड से सात ट्रैक्टर कचरा उठाव का निर्देश दिया है.
84 हजार की जगह 5450 शौचालय बना :शौचालय को लेकर जोरदार अभियान चलाया गया. लेकिन स्थिति में खास सुधार नहीं दिख रहा है. 84 हजार के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक मात्र 5451 शौचालय तैयार हुए हैं़ हालांकि 60193 फॉर्म जेनेरेट हुए हैं. 58024 लाभुकों का आवेदन स्वीकृत कर लिये गये हैं और 45109 लोगों के खाते में पहली किस्त की राशि निर्गत कर दी गयी है.
पहले से स्थिति में काफी सुधार है. ब्लू प्रिंट तैयार कर काम किया जा रहा है. धीरे-धीरे निगम पटरी पर आ रहा है. वार्ड सेनेटेशन प्लान के अनुसार पूरी ताकत झोंक दी गयी है. जहां-जहां लुप होल मिल रहा है उसे दुरुस्त किया जा रहा है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का वर्क ऑर्डर दे दिया गया है. 30 दिसंबर तक सभी एनजीओ को संसाधन उपलब्ध करा दिया जायेगा.
मनोज कुमार, नगर आयुक्त
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