धनबाद: उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी प्रशांत कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया कि सभी सरकारी स्कूलों (जहां मतदान केंद्र हैं) में मतदान केंद्र संख्या एवं मतदान केंद्र का नाम सुस्पष्ट अक्षरों में लिखवायें.
वहां पेयजल तथा शौचालय के साथ – साथ रैंप भी बनवायें. श्री कुमार शनिवार को अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ समाहरणालय में बैठक कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों को छोड़कर अन्य मतदान केंद्र भवनों के लिए सुविधाओं को सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी सुनिश्चित करायेंगे. बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मतदान केंद्रों के स्थल परिवर्तन एवं नाम परिवर्तन के प्रस्तावों पर चर्चा कर उन्हें अंतिम रूप दिया गया. उपायुक्त ने कहा कि मतदाता सूची की तीन – तीन प्रतियां सभी सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को उपलब्ध करायी जा रही है.
इसमें से एक प्रति वे संबंधित मुखिया को उपलब्ध करायेंगे, एक अपने पास रखेंगे और एक अभिलेखागार में रखने को कहा. उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारियों को अगले शनिवार तक सेक्टर पदाधिकारियों की टैगिंग करते हुए रूट चार्ट बनाने का निर्देश दिया. बैठक में अपर समाहर्ता(विधि – व्यवस्था) बीपीएल दास, अपर समाहर्ता बीके राय, अनुमंडल पदाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव, उप निर्वाचन पदाधिकारी विपिन बिहारी, सभी बीडीओ, सीओ उपस्थित थे.
28 सहायिका/सेविका मुक्त
चावल दिवस पर शनिवार को अंत्योदय के 85 फीसदी अतिरिक्त बीपीएल के 77 फीसदी एवं अनुभाजन क्षेत्र के 85 लाभुकों के बीच खाद्यान्न एवं केरोसिन वितरित किया गया. बाद में उपायुक्त ने इसकी समीक्षा की. उपायुक्त ने बताया कि चावल दिवस पर विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के किये गये पर्यवेक्षण प्रतिवेदनों पर कार्रवाई में 28 आंगनबाड़ी सहायिका एवं सेविकाओं को चयन मुक्त कर दिया गया है. उपायुक्त ने कहा कि पर्यवेक्षण के दौरान गड़बड़ी की अनदेखी करने करने वाले आपूर्ति निरीक्षकों एवं पणन पदाधिकारियों से भी कारण पृच्छा की गयी है. पर्यवेक्षण का नतीजा यह रहा है कि आपूर्ति व्यवस्था में सुधार हुआ है एवं आंगनबाड़ी केंद्रों एवं विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में इजाफा. उन्होंने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों को चिह्न्ति कर उनके पर्यवेक्षण का अभियान चलायें.