राजपति साव कॉलोनी निवासी माला सिंह का कहना है कि उसके पति महेंद्र सिंह इंडियन आॅयल डिपो रेलवे सिनेमा रोड पुराना बाजार में पंप आॅपरेटर के पद पर कार्यरत थे. उनकी मृत्यु 24 अक्तूबर 1993 में हो गयी. मृत्यु के बाद उसे फैमली पेंशन के रूप में 2 लाख 56 हजार आठ सौ 72 रुपये उक्त बैंक में जनवरी 2007 में जमा हुए. उसने एक फरवरी 2007 को इस पैसे के अलावा और पैसा मिलाकर कुल तीन लाख रुपये एक वर्ष के लिए इस बैंक में फिक्स डिपॉजिट करा दिया. एक वर्ष के बाद पुन: इस डिपॉजिट को रिन्यू कराने गया, जहां प्रबंधक ने उसे एक सप्ताह बाद आने को कहा. एक साल बाद उसने एक लिफाफा में भरे फिक्स डिपॉजिट का प्रमाण पत्र दिया. इसी बीच बैंक के प्रबंधक व कैशियर सेवानिवृत्त हो गये. जब 2011 में फिक्स डिपॉजिट सर्टिफिकेट लेकर बैंक गया तो तत्काल मैनेजर ने कहा कि आपका सर्टिफिकेट जाली है और इस नाम से पैसा जमा नहीं हुआ है.
सितंबर 2015 में बैंक ऑफ इंडिया मनइटांड़ शाखा से एक पत्र अया जिसमें मेरे द्वारा 23.05.07 को 75 हजार, इसके बाद 15 हजार, 32 हजार, 30 हजार, साठ हजार व नौ हजार इस सर्टिफिकेट पर लोन लेने की बात है. महिला का कहना है कि उसे विश्वास है कि बैंक मैनेजर व कैशियर ने दुबारा नकली सर्टिफिकेट थमा ओरिजिनल सर्टिफिकेट के माध्यम से एसबी ट्रांसपोर्ट एजेंसी के नाम पर लोन लेकर धोखाधड़ी की है.