चालू वित्त वर्ष में विदेशी शराब का कोटा 31 लाख 31 हजार 603 एसपी लीटर है. यह चार लाख 63 हजार 941 पेटी है. बीयर का प्रतिवर्ष 39 लाख 71 हजार 108 बल्क लीटर कोटा है, जो 6.5 लाख पेटी है. जिले में देशी खराब का कोटा इस वित्त वर्ष में 26 लाख 23 हजार 512 एलपी लीटर है. वित्त वर्ष में विभाग का 194.26 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य है. अक्तूबर तक 101 करोड़ वसूली का लक्ष्य था, जिसके विरुद्ध 81.82 करोड़ वसूली हुई. वर्ष 2015-2016 में 161.88 करोड़ का लक्ष्य था, जिसके विरुद्ध 123 करोड़ वसूली हुई. अक्तूबर माह में 14.56 लाख वसूली लक्ष्य के विरुद्ध 12.55 लाख वसूली हुई, यह लक्ष्य का 87 प्रतिशत है.
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हर माह ढाई करोड़ की शराब पी जाते हैं धनबादवासी
धनबाद: धनबादवासी हर माह ढाई करोड़ से अधिक की विदेशी व देशी शराब पी जाते हैं. कोयलांचल में देशी-विदेशी शराबों के साथ अलग-अलग ब्रांडों की बीयर की भी काफी खपत है. विभाग की मानें तो वित्त वर्ष 2016-2017 के सात महीने यानी अप्रैल से अक्तूबर तक लोग लगभग 20 करोड़ की शराब पी गये. चालू […]
धनबाद: धनबादवासी हर माह ढाई करोड़ से अधिक की विदेशी व देशी शराब पी जाते हैं. कोयलांचल में देशी-विदेशी शराबों के साथ अलग-अलग ब्रांडों की बीयर की भी काफी खपत है. विभाग की मानें तो वित्त वर्ष 2016-2017 के सात महीने यानी अप्रैल से अक्तूबर तक लोग लगभग 20 करोड़ की शराब पी गये.
चालू वित्त वर्ष में विदेशी शराब का कोटा 31 लाख 31 हजार 603 एसपी लीटर है. यह चार लाख 63 हजार 941 पेटी है. बीयर का प्रतिवर्ष 39 लाख 71 हजार 108 बल्क लीटर कोटा है, जो 6.5 लाख पेटी है. जिले में देशी खराब का कोटा इस वित्त वर्ष में 26 लाख 23 हजार 512 एलपी लीटर है. वित्त वर्ष में विभाग का 194.26 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य है. अक्तूबर तक 101 करोड़ वसूली का लक्ष्य था, जिसके विरुद्ध 81.82 करोड़ वसूली हुई. वर्ष 2015-2016 में 161.88 करोड़ का लक्ष्य था, जिसके विरुद्ध 123 करोड़ वसूली हुई. अक्तूबर माह में 14.56 लाख वसूली लक्ष्य के विरुद्ध 12.55 लाख वसूली हुई, यह लक्ष्य का 87 प्रतिशत है.
क्या है आय का स्रोत : उत्पाद विभाग को तीन तरह से आय होती है. पहला- लाइसेंस फी, जो देय रहती है. दूसरा दुकान के लिए उठायी जानेवाली शराब पर फिक्स कर तथा दुकानदारों को देशी-विदेशी व बीयर का कोटा प्रतिमाह निर्धारित है. दुकानदार अगर निर्धारित स्टॉक नहीं उठाते हैं तो कर की दुगुनी राशि सुरक्षित जमा राशि से काट ली जाती है. अवैध शराब के खिलाफ अभियान से वसूल किया जानेवाला फाइन भी विभाग की आय का एक छोटा जरिया है.
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