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नहीं रहे बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी एन कुमार

धनबाद : कोल इंडिया के निदेशक, तकनीकी-सह-बीसीसीएल के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) नागेंद्र कुमार का निधन मंगलवार की सुबह कोलकाता स्थित आवास में हो गया. वह 58 वर्ष के थे. उनके निधन की खबर मिलते ही बीसीसीएल सहित पूरे कोल इंडिया में शोक की लहर दौड़ गयी. बीसीसीएल के निदेशक, कार्मिक विनय कुमार पंडा, निदेशक, वित्त […]

धनबाद : कोल इंडिया के निदेशक, तकनीकी-सह-बीसीसीएल के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) नागेंद्र कुमार का निधन मंगलवार की सुबह कोलकाता स्थित आवास में हो गया. वह 58 वर्ष के थे. उनके निधन की खबर मिलते ही बीसीसीएल सहित पूरे कोल इंडिया में शोक की लहर दौड़ गयी. बीसीसीएल के निदेशक, कार्मिक विनय कुमार पंडा, निदेशक, वित्त केएस राजशेखर व निदेशक, तकनीकी (योजना व परियोजना) देवल गंगोपाध्याय समेत बड़ी संख्या में कोयला अधिकारी कोलकाता रवाना हो गये. कुमार ने सात अगस्त, 2015 को बीसीसीएल सीएमडी का प्रभार संभाला था. अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव दानापुर में बुधवार को किया जायेगा. शव को लेकर उनके परिजन मंगलवार को शाम कोलकाता से पटना के लिए रवाना हो गये.
बाथरूम में पड़ा िदल का दौरा : जानकारी के अनुसार सुबह सात बजे के करीब नागेंद्र कुमार बाथरूम गये. काफी देर तक नहीं निकलने पर पत्नी व बेटी ने आवाज लगायी. जवाब नहीं मिलने पर कुछ लोगों की मदद से बाथरूम का दरवाजा तोड़ा गया. कुमार वहां गिरे मिले. आनन-फानन में परिजन उन्हें निकट के अस्पताल में ले गये, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. चिकित्सकों के अनुसार मृत्यु का कारण हार्ट अटैक है. स्व. कुमार अपने पीछे पत्नी रंजना कुमार, दो पुत्र व पुत्रवधू, एक बेटी, नाती-पोता सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं.
आइएसएम से की थी इंजीनियरिंग
नागेंद्र कुमार वर्ष 2012 से कोल इंडिया के निदेशक, तकनीकी के पद पर कार्यरत थे. उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद से वर्ष 1980 में खनन अभियांत्रिकी (बी टेक-माइनिंग) में स्नातक की उपाधि ली और उसी वर्ष कनीय अधिकारी (प्रशिक्षु) के रूप में सीसीएल में कार्य आरंभ किया. अपने प्रारंभिक 20 वर्षों की सेवा के दौरान उन्होंने सीसीएल में छह वर्षों तक प्रबंधक और सात वर्षों तक परियोजना पदाधिकारी के रूप में काम किया. वर्ष 2001 में उनका स्थानांतरण उसी स्तर में इसीएल में कर दिया गया. वहां वर्ष 2004 में उन्हें महाप्रबंधक व वर्ष 2007 में मुख्य महाप्रबंधक बना दिया गया.

27 जुलाई 2009 को उन्हें इसीएल का निदेशक, तकनीकी बनाया गया, जबकि एक फरवरी 2012 को उन्हें कोल इंडिया का निदेशक, तकनीकी बना दिया गया. उन्होनें एसईसीएल में भी प्रभारी सीएमडी के रूप में योगदान दिया था. उन्होंने अपने कार्यकाल में कठिन भूमिगत और खुली खदानों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया. नागेंद्र कुमार की उपलब्धियों में झरिया की खदानों में सफल खुदाई उल्लेखनीय है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका, चीन, फ्रांस, इटली और जर्मनी जैसे देशों की यात्रा की. उन्हें क्रिकेट, किताबों और पुराने गानों का शौक था.

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