धनबाद:पारा शिक्षकों और शिक्षा मित्रों की हड़ताल से सोमवार को जिले में 755 स्कूलों में ताला लटका रहा. इस दौरान 16 हजार बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिला, वहीं 24 हजार बच्चों के पढ़ाई प्रभावित हुई.
यह दावा सोमवार को रणधीर वर्मा चौक पर झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ के धरना में वक्ताओं ने किया. बताया कि झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक सोमवार से हड़ताल पर चले गये. इसके बाद जिला के 2933 पारा शिक्षक और शिक्षा मित्र भी हड़ताल पर चले गये. इससे 723 एनपीएस, 27 प्राथमिक विद्यालय और 5 मध्य विद्यालयों में ताला लटका रहा. संघ के जिला सचिव मो़ शेख सिद्दीक ने कहा कि हड़ताल शत प्रतिशत सफल रही. आज से पारा शिक्षक काला बिल्ला लगाकर हड़ताल पर रहेंगे.
उन्होंने कहा कि यह हड़ताल यूएमएस और एनपीएस में काम करने वाले पारा शिक्षक-शिक्षा मित्रों का भविष्य तय करेगी. यूएमएस और एनपीएस के सृजित पदों पर समायोजन हमारा अधिकार है, इसे लड़कर लेंगे. वहीं जिले भर में पारा शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर मोटरसाइकिल रैली निकाली. इस दौरान प्रसन्न कुमार सिंह, मनोज राय, रूपेश कुमार, अश्विनी कुमार, अशोक चक्रवर्ती, चंदन मोदक, अभिलाषा झा, उत्पल चौबे, निरंजन दे, सुभाष चटर्जी, विशु महतो, नवीन सिंह, निलांबर मंडल, मुख्तार अंसारी, अताउर रहमान, जनार्दन मिश्रा, अजीत कुमार, इरफान अहमद आदि उपस्थित थे. इधर, जिला समन्वय समिति के नयन रंजन सिन्हा हड़ताल को सफल बताया है. कतरास/बाघमारा. आंदोलन के क्रम में पारा शिक्षकों ने सोमवार को बाघमारा प्रखंड मुख्यालय से बाइक जुलूस निकाला. इस दौरान बीआरसी में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी केके राणा को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. यहां से आंदोलनकारी पारा शिक्षक महुदा, कतरास, राजगंज के कई स्कूलों में गये. नेतृत्व प्रखंड अध्यक्ष चंदन मोदक ने किया. जुलूस में राज्य के संयुक्त सचिव अभिलाषा झा, बलराम महतो, मोतीलाल महतो, हरेंद्र कुमार, अमित सिंह, कार्तिक रवानी, लखन साव, राजू रवानी, सुभाष तिवारी, पिंकी कुमारी, रेणुका देवी, नारायण महतो, जितेंद्र सिंह, अशोक ठाकुर आदि शामिल थे. बलियापुर. छत्तीसगढ़ के तर्ज पर पारा शिक्षकों को स्थायी करने की मांग को लेकर सोमवार को पारा शिक्षक हड़ताल पर चले गये. पारा शिक्षक संघ व बीआरपी-सीआरपी संघ ने केंदुआटांड़ में आंदोलन की रणनीति तैयार कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रखंड अध्यक्ष उत्पल चौबे, रवि दत्ता, जनमंजय महतो, संजय महतो, शिवशंकर बाउरी, हारु रवानी, त्रिलोचन रजवार, मो मेराज, सुबल महतो मौजूद थे.