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सीएमआरआइ के वैज्ञानिकों समेत 18 लोगों के खिलाफ आरोप गठित

धनबाद:सीएमआरआइ धनबाद में वैज्ञानिक उपकरण की खरीदारी में लाखों रुपये के घोटाला मामले की सुनवाई गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश दशम सैयद मतलूब हुसैन की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी तत्कालीन डायरेक्टर त्रिभुवन सिंह, तत्कालीन फाइनेंस एंड अकाउंट ऑफिसर जेसी साहा, पूर्व स्टोर एंड परचेज ऑफिसर डीसी गोस्वामी, तत्कालीन वैज्ञानिक डॉ जगदीश अचार्या […]

धनबाद:सीएमआरआइ धनबाद में वैज्ञानिक उपकरण की खरीदारी में लाखों रुपये के घोटाला मामले की सुनवाई गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश दशम सैयद मतलूब हुसैन की अदालत में हुई.

अदालत में आरोपी तत्कालीन डायरेक्टर त्रिभुवन सिंह, तत्कालीन फाइनेंस एंड अकाउंट ऑफिसर जेसी साहा, पूर्व स्टोर एंड परचेज ऑफिसर डीसी गोस्वामी, तत्कालीन वैज्ञानिक डॉ जगदीश अचार्या ( अभी सब रिटायर्ड) समेत वर्तमान वैज्ञानिक डॉ एमके चक्रवर्ती, डॉ तेज बहादुर सिंह, डॉ डीबी सिंह, डॉ मोबीन अहमद, डॉ एसके चौलिया, डॉ आर के तिवारी, डॉ एके सिंह, डिप्टी स्टोर एंड परचेज आॅफिसर डीके धर, शिवालिक इंटर प्राइजेज के प्रोपराइटर रुपक चौधरी, एमा इंटर प्राइजेज के प्रोपराइटर प्रवीर राय, आरएन राणा, मेसर्स विशाल मार्केटिंग के प्रोपराइटर आरबी सिंह, एसास सेल्स के प्रोपराइटर आरएन विश्वास व एचबी इंटर प्राइजेज के प्रोपराइटर केके दोशी हाजिर थे. अदालत ने आरोपितों के खिलाफ भादवि की धारा 120 बी सहपठित 420, 468, 471 एवं पीसी एक्ट की धारा 13 (2) सहपठित 13(1) (डी) के तहत आरोप गठित कर केस विचारण शुरू किया. आरोपितों ने आरोप से इनकार किया. सुनवाई के वक्त अदालत में सीबीआइ के लोक अभियोजक सरवत जाफारी भी मौजूद थीं.

क्या है मामला
सीएमआरआइ धनबाद में वर्ष 2099-2000 की अवधि में वहां कार्यरत डायरेक्टर, स्टोर एंड परचेज अफसर, फाइनेंस अकाउंट अफसर व वैज्ञानिकों ने सप्लायरों से सांठ-गांठ कर व फर्जी बिल बना कर लाखों रुपये के वैज्ञानिक उपकरण फिल्टर पेपर, डिजिटल बुरिटी, केमिकल्स, पाइपटी की खरीददारी की थी जिससे संस्थान को 64 लाख रुपये का नुकसान हुआ था. 28 जनवरी 2003 को सीबीआइ ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की. केस के आइओ सीबीआइ इंस्पेक्टर सुधांशु शेखर ने 19 अप्रैल 2006 को आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था. यह मामला आरसी केस नंबर 01/ 03 से संबंधित है.
तेतुलमारी के पूर्व थानेदार और प्रोजेक्ट आॅफिसर ने किया सरेंडर, मिली जमानत
पांडेयडीह के रहनेवली तुलसी देवी नामक एक महिला के साथ मारपीट करने, दुर्व्यवहार व उससे रुपये छीन लेने के मामले में आरोपित तेतुलमारी के तत्कालीन थानेदार प्रदीप कुमार महतो व प्रोजेक्ट आॅफिसर राज कुमार सेठ ने गुरुवार को ऊपरी अदालत से अग्रिम जमानत मिलने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी मिस कुमारी जीव की अदालत में आत्मसमर्पण कर बंध पत्र दाखिल किया. अदालत ने बंध पत्र को स्वीकार कर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया.
क्या है मामला : 8 मार्च 2014 को तेतुलमारी क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण, पुनर्वास व मुआवजा को लेकर प्रबंधन के विरुद्ध आंदोलन चलाया जा रहा था. पांडेयडीह की महिला तुलसी देवी भी विरोध कर रही थी. आरोपितों ने बीस पच्चीस अन्य लोगों के साथ 9 मार्च 14 को रात्रि साढ़े सात बजे तुलसी देवी के घर में घुस कर गाली गलौज की और उसके साथ दुर्व्यवहार किया. अदालत में उसने शिकायतवाद संख्या 554/14 दर्ज कराया. 24 नवंबर 14 को अदालत ने तेतुलमारी के थानेदार प्रदीप कुमाार महतो, प्रोजेक्ट ऑफिसर राज कुमार सेठ व हरि महतो के खिलाफ भादवि की धारा 323, 341, 448, 354, 379, 506 के तहत संज्ञान लेकर समन निर्गत करने का आदेश दिया.

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