धनबाद. दारोगा संतोष रजक पर मेहरबान रहे हैं एसपी-डीएसपी
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दो पुलिस अफसरों की मौत का आरोपी है दारोगा संतोष
धनबाद. दारोगा संतोष रजक पर मेहरबान रहे हैं एसपी-डीएसपी जानिए उस पुलिस अधिकारी (संताेष रजक) काे, जाे हैं ताे 2012 बैच के, लेकिन इतने कम समय में गंभीर से गंभीर आराेपाें से घिर गये हैं. विभाग में पैठ ऐसी कि अपने जूनियर पुलिस अधिकारी जमादार उदय शंकर सिंह काे पीट कर मार डालने के आराेप […]
जानिए उस पुलिस अधिकारी (संताेष रजक) काे, जाे हैं ताे 2012 बैच के, लेकिन इतने कम समय में गंभीर से गंभीर आराेपाें से घिर गये हैं. विभाग में पैठ ऐसी कि अपने जूनियर पुलिस अधिकारी जमादार उदय शंकर सिंह काे पीट कर मार डालने के आराेप के बावजूद उनका काेई कुछ नहीं बिगाड़ सका. सिर्फ सस्पेंड किया गया, वह भी कुछ समय के लिए. एक डीएसपी के इतने चहेते कि जिस थाना के सहयाेगी काे पीट कर मार डालने का आराेप लगा था, उसी थाने के बगल वाले थाने का उन्हें थाना प्रभारी बना दिया गया. वहां उन्हाेंने एक पशु व्यापारी माेहम्मद नाजिम काे गाेली मार दी और मामले में ताेपचांची थाना प्रभारी उमेश कच्छप की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत हो गयी. अगर ऐसी ही व्यवस्था रहेगी ताे सरकार-मुख्यमंत्री के तमाम प्रयास के बावजूद पुलिस पर लाेगाें का भराेसा कैसे रहेगा.
धनबाद : संताेष रजक 2012 बैच के सब-इंस्पेक्टर हैं. ट्रेनिंग के बाद गिरिडीह में प्रोवेशन पीरियड बिताया. फिर एसटीएफ में पोस्टिंग हुई. एसटीएफ से जून 2015 में संताेष रजक की पाेस्टिंग धनबाद में हुई. पहला थाना मिला-जीटी रोड स्थित राजगंज थाना.
हर किसी काे यह थाना नसीब नहीं हाेता. राजगंज थाना कमाई वाला माना जाता है. संतोष रजक को पाेस्टिंग के लिए बहुत इंतजार नहीं करना पड़ा. धनबाद पुलिस लाइन में सप्ताह भर वेटिंग के बाद 17 जून 2015 को उन्होंने बतौर राजगंज थाना प्रभारी अपना योगदान दिया. पुलिस अफसराें के बीच चर्चा हुई कि उग्रवाद की दृष्टि से संवेदनशील राजगंज थाने में इतने जूनियर बैच के पुलिस अफसरों की…
सब-इंस्पेक्टर की कैसे पोस्टिंग हो गयी? राजगंज थाना, बाघमारा पुलिस अनुमंडल में पड़ता है. उस समय वहां के डीएसपी मनजरुल होदा थे.
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