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कोल माइंस पेंशन स्कीम खतरे में

संकट. स्थिति में सुधार नहीं होने पर 2022-23 से बंद हो सकता है पेंशन भुगतान सीएमपीएफ ने पेंशन फंड बचाने के लिए कई सुझाव भी दिये धनबाद : पेंशनधारियों की बढ़ती संख्या और कोयला कामगारों की लगातार घटती संख्या से कोल माइंस पेंशन स्कीम खतरे में है. अगर अविलंब इस पर ध्यान नहीं दिया गया […]

संकट. स्थिति में सुधार नहीं होने पर 2022-23 से बंद हो सकता है पेंशन भुगतान

सीएमपीएफ ने पेंशन फंड बचाने के लिए कई सुझाव भी दिये
धनबाद : पेंशनधारियों की बढ़ती संख्या और कोयला कामगारों की लगातार घटती संख्या से कोल माइंस पेंशन स्कीम खतरे में है. अगर अविलंब इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो वर्ष 2022-2023 से पेंशन भुगतान बंद हो सकता है. 2022-2023 में पेंशन फंड 2749.120 करोड़ के घाटे में होगा. यह खुलासा सीएमपीएफ के एक दस्तावेज में हुआ है. दस्तावेज में सीएमपीएफ ने पेंशन फंड बचाने के लिए कई सुझाव भी दिये हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हर साल औसतन 17 हजार कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं. 4,71,069 कर्मचारियों को हर माह 191.14 करोड़ की राशि पेंशन मद में दी जा रही है. जबकि हर माह 4,46,833 कर्मचारियों के वेतन से पेंशन के मद में कटौती की जा रही है.
समीक्षा व सतत टिकाऊ के बारे में
पेंशन की समीक्षा तभी होगी जब विशेषज्ञ की रिपोर्ट को ट्रस्टी बोर्ड अनुमोदित कर सरकार के पास भेजे और सरकार उसको अनुमोदित करे.À विशेषज्ञों ने 2003 और 2005 में अध्ययन रिपोर्ट दी. जिस पर ट्रस्टी बोर्ड ने विचार नहीं किया. क्योंकि रिपोर्ट 40 प्रतिशत डाटा पर अाधारित थी.À2012 में एक दूसरी अध्ययन रिपोर्ट पर ट्रस्टी बोर्ड में विचार हुआ. बोर्ड ने निर्णय लिया कि सीएमपीएफ एक उपयुक्त प्रस्ताव बना कर कोल इंडिया को भेजे.
कोल इंडिया जेबीसीसीआइ से परामर्श कर निर्णय ले. Àकोल इंडिया ने सूचित किया कि जेबीसीसीआइ ने कहा कि इस पर चर्चा करने के लिए अधिकृत नहीं है. क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा कोल माइंस प्रोविडेंट फंड एक्ट 1948 गजट में अधिसूचित किया गया है. उपरोक्त एक्ट के तहत निजी कोल कंपनियां और संयुक्त उपक्रम भी आते है. पेंशन फंड के मसले को सरकार के उपयुक्त फोरम में उठाया जाये.
सीएमपीएफ की अनुशंसा
पेंशन फंड के घाटे का आकलन का काम चल रहा है.
फिलहाल पेंशन मद में 4 के बदले 6 प्रतिशत रकम कटौती की जानी चाहिए.
पेंशन की ऊपरी सीमा तय होनी चाहिए.
पेंशन फंड का वहां निवेश हो जहां से अधिक लाभ हो.
पेंशन दस माह के बदले 60 माह के वेतन पर तय हो.
पेंशन वृद्धि होने पर सालाना कितना खर्च
500 रुपये वृद्धि होने पर 13.08 करोड़
1000 रुपये वृद्धि होने पर 66.84 करोड़
1500 रुपये वृद्धि होने पर 137.64 करोड़
2000रुपये वृद्धि होने पर 208.32 करोड़
कितने कर्मियों को कितनी पेंशन
राशि संख्या
0-500 रु 46048
501 से 1000 रु 71743
1001 से 1500 रु 57922
1501 से2000 रु 67593
2001 से 5000 रु 136482
5001 से10000 रु 74896
10001 से 20000 रु 7587
20001 से अधिक रु 8798
पेंशन फंड को मजबूत करना हमारा उद्देश्य है. कोल इंडिया और केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं. यह सही है कि अगर यही स्थिति रही तो 2022 में पेंशन बंद हो जाएगी. लेकिन किसी भी कीमत पर पेंशन बंद नहीं होने देंगे. दसवां वेतन समझौता में भी पेंशन मुख्य मुद्दा होगा.
डीडी रामा नंदन, सीटू
कोल इंडिया प्रबंधन पर दबाव बना रहे हैं. प्रबंधन को पेंशन फंड को टिकाऊ बनाने के लिए मदद करनी होगी. सहयोग राशि भी बढ़ेगी. सीएमपीएफ को पत्र लिख कर पूरा ब्योरा मांगा है कि कितने लोगो को कितनी-कितनी पेंशन मिलती है. ट्रस्टी बोर्ड की अगली बैठक में सिर्फ एक ही ऐजेंडा होगा पेंशन फंड.
बीके राय, बीएमएस

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