धनबाद: धान अधिप्राप्ति योजना में घोटाला परत दर परत खुलने लगा है. पैक्स से लेकर राइस मिल में घोटाला का मामला सामने आने लगा है. टुंडी स्थित राजाभीठा पैक्स में 4.85 लाख रुपये का गबन पाया गया है. बीडीओ की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. बीसीओ (प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी) से स्पष्टीकरण पूछा गया है. मंतव्य के साथ रिपोर्ट देने को कहा गया है. रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी. एडीएम आपूर्ति अशोक कुमार सिंह ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद एफआइआर दर्ज की जायेगी.
राइस मिल में भारी पैमाने पर धान कम : राइस मिल में भी भारी पैमाने पर गड़बड़ी मिली है. शिव शंभु राइस मिल, प्रिया राइस मिल व जय हनुमान राइस मिल में फिजिकल जांच की गयी. तीनों जगह धान कम पाया गया. तीनों राइस मिलों से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है. तीनों राइस मिल में डीएसओ, डीसीओ व सप्लाई इंस्पेक्टर ने जांच की थी. स्पष्टीकरण का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
लटानी व उरमा पैक्स में चल रही है जांच : लटानी, उरमा व पंडुआ पैक्स में जांच चल रही है. यहां बीडीओ जांच कर रहे हैं. यहां धान की खरीदारी हुई लेकिन चावल एफसीआइ तक नहीं पहुंचा. पैक्स व राइस मिल की सांठगांठ से सरकारी खजाने की खुल कर लूट हुई. मामले में कई वरीय अधिकारियों के गर्दन भी फंस सकती है.
कैसे हुआ खेल
किसानों से 1250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 1.59 लाख क्विंटल धान खरीदा गया. कुछ पैक्सों ने तो धान की अधिप्राप्ति कर मील में चावल बना कर एफसीआइ पहुंचा दिया. लेकिन कुछ पैक्स कालाबाजार के चक्कर में फंस गये. धान को ऊंचे भाव में बंगाल में बेच दिया. बंगाल से खराब चावल लेकर एफसीआइ को उपलब्ध कराने की कोशिश की गयी. धान अधिप्राप्ति घोटाले की निष्पक्ष जांच हुई तो कई और एजेंसी भी फंस सकती है.