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डॉ़ जेपी मुखर्जी के निधन पर शोक

कोलकाता के आमरी अस्पताल में ली अंतिम सांसें छह दिसंबर 2015 को गिर कर हुए थे घायल धनबाद : धनबाद के जाने-माने इएनटी (कान, नाक व गला) के चिकित्सक डॉ़ जेपी मुखर्जी (72) नहीं रहे. वह छह दिसंबर 2015 को धनबाद के एक शाॅपिंग मॉल के बाहर गिरकर घायल हो गये थे. उनके सिर व […]

कोलकाता के आमरी अस्पताल में ली अंतिम सांसें

छह दिसंबर 2015 को गिर कर हुए थे घायल

धनबाद : धनबाद के जाने-माने इएनटी (कान, नाक व गला) के चिकित्सक डॉ़ जेपी मुखर्जी (72) नहीं रहे. वह छह दिसंबर 2015 को धनबाद के एक शाॅपिंग मॉल के बाहर गिरकर घायल हो गये थे. उनके सिर व गरदन में काफी चोटें आयी थीं. रविवार की रात उन्होंने कोलकाता के आमरी अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर पाकर चिकित्सकों में शोक है. उनका अंतिम संस्कार कोलकाता में ही होगा. न्यूरोसर्जन डा़ आरएन भट्टाचार्य ने डॉ. मुखर्जी के ब्रेन व गरदन के पास दो आॅपरेशन किये थे. उनकी गरदन में पहले से चोट थी. गिरने से यह और गंभीर हो गया था. पैर व हाथ में पैरालिसिस हो गया था. तब से वह वेंटिलेटर पर ही थे.

इंग्लैंड से डॉक्टरी छोड़ आये थे बिहार : डॉ. मुखर्जी 1964 बैच के डॉक्टर थे. उन्होंने कोलकाता नेशनल कॉलेज से एमबीबीएस किया था. मूल रूप से कोलकाता के रहने वाले थे. पिता पटना में सरकारी विभाग में इंजीनियर थे. कदमकुआं में परिवार के साथ रहते थे. एमबीबीएस के बाद डॉ. मुखर्जी इंग्लैंड चले गये. वहां से कई डिग्री हासिल की और चिकित्सा सेवा से जुड़ गये. बाद में माता-पिता के कहने पर वह बिहार चले आये.

पटना में गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में योगदान दिया. वहां से कॉलेज धनबाद शिफ्ट हो गया. जो बाद में पीएमसीएच बना. धनबाद पीएमसीएच में वह इएनटी के विभागाध्यक्ष रहे. वह आइएमए, इएनटी चिकित्सकों के एसोसिएशन सहित कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े थे. धनबाद में उनका घर कार्मिक नगर में है. पुत्र डॉ. कुणाल मुखर्जी डेंटल सर्जन हैं, बेटी बैंकिंग सर्विसेज में जुड़ी हैं.

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