धनबाद: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पर बुधवार को डीआरडीए सभागार में कार्यशाला हुई. महिला स्वयं सहायता समूह को सुदृढ़ करने पर बल दिया गया. मिशन को धरातल पर उतारने के लिए ब्लॉक स्तर व बैंकर्स का क्या रोल होगा, इसकी जानकारी दी गयी. स्वयं सहायता समूह को ट्रेनिंग देने के लिए प्रखंड व जिला स्तर पर रिसोर्स पर्सन तैयार करने का निर्देश दिया गया.
उपायुक्त प्रशांत कुमार ने कहा कि एसजीएसवाइ की जगह एनआरएलएम (नेशनल रूरल लाइवलीहूड) योजना आयी है. एक अप्रैल 2013 से प्रभावी हो चुकी है. इस योजना के तहत महिला को स्वावलंबन बनाना है. रोजगार से जोड़ना है. बीपीएल परिवार के एक महिला को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जेएसएलपीएस के स्टेट को-ऑर्डिनेटर अरिंदम मिश्र व विजय मिश्र ने मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन शुरू किया गया है. खास कर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र की महिलाओं को मिशन से जोड़ा जा रहा है.
प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण के लिए अलग विंग तैयार किया जायेगा. महिला समूह को कैसे व्यवसाय करना है, बैंक से कैसे लोन लेना है, व्यवसाय में कैसे निवेश करना है, इसकी जानकारी दी जायेगी. कार्यशाला में उप विकास आयुक्त दिनेश चंद्र मिश्र, नाबार्ड के डीडीएम एके गुप्ता, एलडीएम सुबोध कुमार व प्रखंड विकास पदाधिकारी व बैंकर्स उपस्थित थे.