धनबाद : आम का आम, गुठली का दाम. स्वच्छ भारत अभियान के सपने को साकार करने के लिए आइएसएम स्टूडेंट्स ने एक ऐसी तरकीब खोज निकाली है, जिससे न केवल घर के कूड़े-कचरे को ठिकाना लगाया जा सकेगा, बल्कि उसके दाम भी मिलेंगे. इसे बनाने वाली टीम में छह स्टूडेंट्स शामिल हैं, जिसमें एक नाइजीरिया […]
धनबाद : आम का आम, गुठली का दाम. स्वच्छ भारत अभियान के सपने को साकार करने के लिए आइएसएम स्टूडेंट्स ने एक ऐसी तरकीब खोज निकाली है, जिससे न केवल घर के कूड़े-कचरे को ठिकाना लगाया जा सकेगा, बल्कि उसके दाम भी मिलेंगे. इसे बनाने वाली टीम में छह स्टूडेंट्स शामिल हैं, जिसमें एक नाइजीरिया का है.
टीम लीडर सौरभ ने बताया कि यह कचरे प्रबंधन का संपूर्ण समाधान है, जिसे अपनाने के बाद न केवल कृषि योग्य भूमि बचेगी, बल्कि सरकार को योजना बनाने में भी मदद मिलेगी. वर्तमान में सरकार को प्लानिंग के लिए सर्वे पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है.
ऐसे काम करेगा सिस्टम : एक विशेष तरह का डस्टबिन होगा, जिसमें छह खांचे बने होंगे. अलग-अलग खांचों में कूड़े की छह केटेगरी होगी, जिसमें किचन वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, पेपर वेस्ट, ग्लास (शीशा), मेटालिक वेस्ट एवं मिक्स्ड वेस्ट शामिल हैं. मिक्स्ड वेस्ट में उस कूड़े को डालते हैं, जिसकी कैटेगरी नहीं समझ आ रही हो.
इस विशेष डस्टबिन से कूड़े को सबसे पहले टोवेसो के ट्रेकर (वेस्ट कलेक्शन ट्रॉली) में डाला जायेगा. इस ट्रॉली के बॉटम में सेंसर लगा होगा, जो तुरंत अलग-अलग खांचो के कूड़े का वजन सर्वर को भेज देगा. इसके बाद आपके कचरे का डीटेल आपके मोबाइल एप्प या वेबसाइट पर लॉग इन पर मिलेगा.