सात महीने से नहीं मिला था वेतन, आर्थिक तंगी से जूझ रहा पूरा परिवार
धनबाद/बरवाअड्डा. नवनियुक्त उर्दू शिक्षक रफीक अंसारी की मौत सोमवार की अहले सुबह हो गयी. चर्चा है कि सात महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण रफीक अपना इलाज बेहतर ढंग से नहीं करा सके. कई दिनों से उन्हें पेट दर्द की शिकायत थी. वह गोविंदपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य पाथुरिया में फरवरी माह से कार्यरत थे. अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र, एक पुत्री और माता-पिता समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गये.
निधन पर शोक जताया : रफीक के असामयिक निधन पर डीएसइ बांके बिहारी सिंह, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार, राजकुमार वर्मा, पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अश्विनी कुमार सिंह, सचिव शेख सिद्दीक, नसीम मिर्जा, खुर्शिद अंसारी, शहीद अहमद, नूर मोहम्मद, असलम अंसारी, मारूफ अंसारी, इस्तियाक अंसारी, इसलाम अंसारी, जमील अख्तर,कलाम खान समेत दर्जनों लोगों ने शोक व्यक्त किया.
शिक्षक संघ के राममूर्ति ठाकुर ने कहा कि राज्य के 700 उर्दू शिक्षक आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. इनमें कई पहले पारा शिक्षक थे. फरवरी-मार्च महीने में नियुक्ति के बाद से शिक्षकों को वेतन नहीं मिला था.
इस कारण पूरा परिवार आर्थिक तंगी में है. उर्दू शिक्षक रफीक अंसारी को अगर वेतन मिल रहा होता, तो प्रतिमाह 30 रुपये ग्रुप बीमा मद में कटता. आज उसके बदले उनके आश्रित को ग्रुप बीमा के मद में 30 हजार रुपये मिलते. वेतन ही नहीं मिला, इसलिए यह लाभ नहीं मिलेगा.