उक्त बातें एडवांस सेंटर फोर वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट पुणो के कार्यकारी निदेशक डा. हिमांशु कुलकर्णी ने कही. वह धनबाद क्लब में कोयलांचल के प्रख्यात चिकित्सक डा. स्व. बालेश्वर प्रसाद व्याख्यान माला श्रृंखला की शुरुआत कर रहे थे.
यह कार्यक्रम मेघ पाइन अभियान, नयी दिल्ली की पहल पर आयोजित की गयी. डा. कुलकर्णी ने कहा कि भू गर्भ जल का विश्वस्तर पर भरपूर उपयोग हो रहा है. अभी 17 स्नेतों से जलापूर्ति होती है. लेकिन सबसे अधिक भू गर्भ जल का ही उपयोग होता है. ऐसे में झरना, तालाब, कुआं आदि को बचाये रखने की जरूरत है.
बताया कि 50 फीसदी जलापूर्ति भू गर्भ के जल से ही होती है. कुशल प्रबंधन से ही इसे बचाया जा सकता है. मेघ पाइन अभियान के एकलव्य प्रसाद ने कहा कि कोयलांचल के लोगों को भू जल प्रबंधन के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. आइएसएम के प्रोफेसर डा. विश्वजीत पाल ने भी संबोधित किया. अन्य वक्ताओं ने भी धनबाद के ग्राउंड वाटर फ्लोराइड जैसे तत्वों की अधिकता के बारे में कहा. बताया कि ऐसे में भू जल संरक्षण एवं प्रबंधन का महत्व और बढ़ जाता है. कार्यक्रम में पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह, अतुल प्रसाद, डा. राम प्रताप नीरज सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन इंदिरा प्रसाद ने किया. आयोजन में बायम इन्वायरमेंटल सोल्यूशन बेंगलुरु ने भी सहयोग किया .