धनबाद: 14 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश षष्टम राम शर्मा की अदालत ने मंगलवार को काशीनाथ सिंह उर्फ कालू सिंह को भादवि की धारा 376 में दस वर्ष की कैद व पचास हजार रुपये मुआवजा तथा भादवि की धारा 302 में फांसी व 20 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी. घटना बलियापुर थाना क्षेत्र की रांगामाटी राजा बस्ती में तीन नवंबर 2007 को घटी थी. बच्ची से दुष्कर्म के बाद फैसले के वक्त पीड़ित के परिजन समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. कालू का पिता किशोरी सिंह मजदूर है.
क्या है मामला
घटना के दिन बच्ची पड़ोस की महिला के साथ तालाब में स्नान करने गयी थी. पड़ोसन आ गयी, लेकिन बच्ची नहीं आयी. उसके भाई, मां व गांव के लोग खोजने निकले. काली मंदिर की उत्तर दिशा में जगबंधु राम के खेत में देखा गया कि बच्ची को पत्थर से मार रहा था.
लोगों को देख कर गांव का ही कालू भाग गया. बच्ची मर चुकी थी. उसका सिर पत्थर से कुचला था. घटना के बाद मृतका के भाई के फर्द बयान पर कांड संख्या 63/07 भादवि की धारा 376, 302 दर्ज किया गया. अदालत में केस के अनुसंधानकर्ता ने पांच जनवरी 08 को आरोप पत्र दाखिल किया. अदालत ने नौ सितंबर 08 को आरोपी के खिलाफ आरोप गठित कर विचारण शुरू किया.
फैसले के बारे में पूछे जाने पर अपर लोक अभियोजक धनंजय सिंह ने कहा कि अदालत ने सही समय पर सही फैसला दिया. मैंने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बच्चन सिंह बनाम राज्य व मच्छी सिंह बनाम पंजाब राज्य में पारित किये गये निर्णयों का हवाला अदालत में दिया, जिसमें दोषी को मृत्युदंड दिया गया है. अदालत ने भी उक्त निर्णयों का अवलोकन किया. धनबाद में फास्ट ट्रेक कोर्ट गठित होने के बाद फांसी का यह पहला फैसला है. मृतका के भाई ने कहा : फैसले का स्वागत है . अदालत ने दोषी को मृत्युदंड की सजा देकर न्याय किया है. लोग इस तरह की घटना के पहले सोचेंगे.