धनबाद: स्कूलों में अब हिस्ट्री मिस्ट्री जैसी नहीं लगेगी. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) ने 11 वीं एवं 12 वीं कक्षा में इतिहास को रुचि कर बनाने के लिए इसमें प्रोजेक्ट वर्क को शामिल किया है. इसमें स्टूडेंट्स को खुद ही सीखने का अवसर मिलेगा. दरअसल बोर्ड ने इतिहास समझाने के लिए यह निर्णय लिया है. बोर्ड ने इस संबंध में सभी स्कूलों को एक सकरुलर भी जारी किया है. बोर्ड ने इतिहास में लिखित परीक्षा के साथ प्रोजेक्ट व असाइनमेंट वर्क को जोड़ दिया है.
जिस प्रकार स्टूडेंट्स को लिखित परीक्षा के अंक मिलते हैं, उसी प्रकार प्रोजेक्ट वर्क के अंक फाइनल रिजल्ट में शामिल होंगे. इसके अलावा प्राचीन धरोहरों को गोद लेने के प्रोग्राम को भी इसमें जोड़ा गया है. बोर्ड के अनुसार इससे छात्र-छात्रओं में राष्ट्रीयता की भावना के साथ साथ उनके सोच विकसित करने में मदद मिलेगी. बोर्ड ने स्कूलों को कहा है कि वह प्रोजेक्ट में हड़प्पा संस्कृति की नगर योजना व कलाकृति एवं भारत में भक्ति सूफी के आंदोलन को शामिल कर सकते हैं.
स्कूल प्रोजेक्ट्स को समूह में दें एवं सुनिश्चित करें कि स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट के लिए संग्रहालयों व पुरातात्विक स्थानों पर जाने की अनुमति मिले. स्कूल यह भी तय करें कि छात्र रेडीमेड प्रोजेक्ट का उपयोग नहीं करें, बल्कि वास्तव में उसे जांच एवं खोज कर तैयार करें.