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वार्ड की जगह बरामदे में सजर्री के मरीज !

धनबाद: नाम है पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) और सजर्री वार्ड में जगह नहीं. नतीजतन इनके मरीजों को बरामदे में रखा जा रहा है. अलग से पुरुष बर्न यूनिट नहीं होने के कारण बरामदे में ही जले हुए पुरुष मरीज को भी रखा जाता है. यहां पंखा नहीं होने से मरीज काफी त्रस्त दिखते […]

धनबाद: नाम है पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) और सजर्री वार्ड में जगह नहीं. नतीजतन इनके मरीजों को बरामदे में रखा जा रहा है. अलग से पुरुष बर्न यूनिट नहीं होने के कारण बरामदे में ही जले हुए पुरुष मरीज को भी रखा जाता है. यहां पंखा नहीं होने से मरीज काफी त्रस्त दिखते हैं. दूसरी ओर वार्ड में मुकम्मल शौचालय नहीं है. वार्ड में दरुगध से घुसना मुश्किल हो जाता है. अस्पताल प्रबंधन के लिए इस ओर ध्यान देना उचित नहीं लगता. ज्ञात हो कि पांच जुलाई को यह विभाग कोर्ट मोड़ से सरायढेला शिफ्ट हुआ है.

हर दिन दो-तीन सजर्री : सजर्री विभाग में हर दिन दो-तीन ऑपरेशन किये जाते हैं. एक भी ओटी सहायक नहीं है. एक प्रोफेसर, दो असिस्टेंट प्रोफेसर सहित चिकित्सकों के आठ पद रिक्त हैं. पारा मेडिकल कर्मी का घोर अभाव है. ऑपरेशन के दौरान इनकी कमी खलती है. कई जरूरी उपकरणों का भी अभाव है.

चिकित्सकों की कमी : सजर्री के विभागाध्यक्ष डॉ डीपी भदानी ने बताया कि विभाग में चिकित्सकों व कर्मियों की काफी कमी है. नये अस्पताल भवन में स्पेस की कमी है. मजबूरन मरीजों को बरामदे में रखा जा रहा है. बर्न मरीजों के लिए अलग से यूनिट नहीं है. इसलिए मरीजों को सजर्री विभाग में रखा जाता है.

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