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फुलारीटांड़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण से सीएस नाराज

धनबाद: फुलारीटांड़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण को लेकर सरकार व सिविल सजर्न डॉ एके सिन्हा में ठन गयी है. फुलारीटांड़ में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के तहत दो करोड़, बारह लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है. काम का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियरिंग सेल को मिल गया है. लेकिन सीएस का […]

धनबाद: फुलारीटांड़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण को लेकर सरकार व सिविल सजर्न डॉ एके सिन्हा में ठन गयी है. फुलारीटांड़ में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के तहत दो करोड़, बारह लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है. काम का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियरिंग सेल को मिल गया है. लेकिन सीएस का कहना है कि विभाग मनमानी कर रहा है, हमने पीएचसी के लिए कोई मांग नहीं की. नियमत: सीएस की अनुशंसा के बाद विभाग को पीएचसी के लिए बजट पास करना चाहिए. लेकिन विभाग ने जबरन ऐसा कर दिया है. सीएस विभाग को जवाब भेज रहे हैं.
खंडहर बन रहे कई भवन
सीएस डॉ सिन्हा ने बताया कि विभागीय अधिकारी रांची से ही कई भवन बना दे रहे हैं. जिसकी जानकारी नहीं होती है. ऐसे में भवन या तो खंडहर में तब्दील हो जाता है, या उसमें अवैध कब्जा हो जाता है. प्रधानखंता में बने भवन में जवानों का कैंप बना दिया गया. इसी तरह से निरसा के पांड्रा में करोड़ों के रेफरल अस्पताल बने, पर न चिकित्सक की कमी पूरी की गयी न कर्मियों की.
पांच नये उप स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत
स्वास्थ्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के तहत जिले में पांच नये उप स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत किये हैं. प्रति केंद्र पर 42 लाख, सात हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं. काम इंजीनियरिंग सेल को मिला है. टुंडी के ओझाडीह, बाघमारा के कपुरिया, गोविंदपुर के दामकाड़ा बरवा, निरसा के डुमरकुंदा व झरिया के बरारी में उप स्वास्थ्य केंद्र खोले जायेंगे. हालांकि इन केंद्रों के लिए सीएस ने स्वीकृति भेजी थी.
177 केंद्र, चिकित्सक मात्र 105
स्वास्थ्य विभाग के पास आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 141 उप स्वास्थ्य केंद्र है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को छोड़ कर पीएचसी में चिकित्सकों की काफी कमी है. वहीं लगभग एक सौ स्वास्थ्य उप केंद्र पर तो ताले ही लटके रहते हैं. यहां छह माह या साल भर में दो-चार दिन ही केंद्र खुल पाता है. वहीं जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास मात्र 105 चिकित्सक हैं. कई चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर पीएमसीएच तो कई दूसरे जगहों पर हैं. ऐसे में पहले से चिकित्सक के अभाव में कई उप स्वास्थ्य केंद्र बंद है. अब पांच नये केंद्र और खोले जा रहे हैं.
फुलारीटांड़ में पीएसची का निर्माण मेरे अनुशंसा के बगैर किया जा है, जो नियमानुसार नहीं है. जिले में बिना सीएस की अनुशंसा के ही कई भवन बना दिये जा रहे हैं. इसके लिए मुख्यालय को अवगत कराया जा रहा है.
डॉ एके सिन्हा, सीएस, धनबाद

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