धनबाद: केरल में मॉनसून की दस्तक के ठीक एक दिन बाद ही धनबाद में पेयजल संकट को ले कर जिला प्रशासन एवं कई जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गये. जल संकट से निबटने के लिए अब उपाय ढूंढा जा रहा है. खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को आपदा प्रबंधन मद से […]
धनबाद: केरल में मॉनसून की दस्तक के ठीक एक दिन बाद ही धनबाद में पेयजल संकट को ले कर जिला प्रशासन एवं कई जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गये. जल संकट से निबटने के लिए अब उपाय ढूंढा जा रहा है. खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को आपदा प्रबंधन मद से राशि मुहैया करायी गयी है.
साथ ही इस वर्ष टैंकर से जलापूर्ति नहीं कराने का निर्णय लिया गया है. जबकि हफ्ता-दस दिन में मॉनसून यहां प्रवेश कर जायेगा. शनिवार को समाहरणालय में उपायुक्त केएन झा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में पेयजल संकट से निबटने के तरीकों पर चर्चा हुई. बैठक में विधायक राज किशोर महतो, अरूप चटर्जी, राज सिन्हा, एसी मनोज कुमार, एसडीएम अभिषेक श्रीवास्तव, माडा के सचिव परवेज इब्राहिम, नगर निगम के कार्यपालक अभियंता इंद्रेश शुक्ला सहित कई अधिकारी मौजूद थे.
बैठक में बताया गया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दोनों प्रमंडलों को लगभग 43 लाख रुपया आवंटित किया गया है. आपदा प्रबंधन मद से आवंटित राशि से विभाग को युद्ध स्तर पर ऐसे चापाकलों की मरम्मत कराने को कहा गया है जिस पर बड़ी आबादी निर्भर है. बैठक में कई विधायकों ने शिकायत की कि मैथन जलापूर्ति योजना से हर जगह पर्याप्त मात्र में पानी नहीं पहुंच रहा है. बहुत स्थानों पर लोग टुलू पंप लगा कर पानी खींच लेते हैं. इससे पानी का प्रेशर कम हो जाता है. इस पर डीसी ने कहा कि जब जल मीनार से पानी खुले तब बिजली विभाग को फोन कर संबंधित इलाकों में बिजली लाइन काट देने को कहें. इससे पानी की चोरी रुकेगी. तथा सभी लोगों को पानी मिल सकेगा.
निरसा में टैंकर से जलापूर्ति की मांग
बैठक में अधिकारियों ने कहा कि इस वर्ष धनबाद में टैंकर से जलापूर्ति की आवश्यकता नहीं है. पिछले वर्ष टैंकर से जलापूर्ति के लिए आये 18 लाख रुपये सरेंडर करने पड़े थे. निरसा के विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि निरसा क्षेत्र में बीसीसीएल, इसीएल एवं टाटा पावर को जरूरी इलाकों में टैंकर से जलापूर्ति के लिए निर्देश दिया जाये. इस पर निरसा सीओ को स्थानीय स्तर पर बैठक करने को कहा गया. बैठक में बीसीसीएल को पिट वाटर को नजदीक तालाब में बहाने के लिए कहा गया, ताकि क्षेत्र में जल स्तर बना रहे. अभी पिट वाटर बेकार हो जा रहा है.