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संपत्ति का ब्योरा देंगे अधिकारी

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में पारदर्शी कदम नीरज अंबष्ट धनबाद : रेलवे बोर्ड ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक सख्त कदम उठाया है. नयी पारदर्शी सिस्टम के तहत विभाग रेल अधिकारियों के साथ-साथ सभी कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा भी सार्वजनिक करेगा. इसके लिए रेल प्रशासन ने होमवर्क शुरू कर दिया […]

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में पारदर्शी कदम
नीरज अंबष्ट
धनबाद : रेलवे बोर्ड ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक सख्त कदम उठाया है. नयी पारदर्शी सिस्टम के तहत विभाग रेल अधिकारियों के साथ-साथ सभी कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा भी सार्वजनिक करेगा.
इसके लिए रेल प्रशासन ने होमवर्क शुरू कर दिया है. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 के अनुपालन के लिए रेलवे बोर्ड ने अधिकारियों और कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने का निर्णय लिया है. इससे उनकी संपत्ति का पूरा लेखा जोखा मंत्रलय के पास रहेगा. अधिकारियों का कहना है कि इससे न सिर्फ रुपये की कालाबाजारी रुकेगी, बल्कि लोग अवैध तरीके से भी रुपये कमाने से डरेंगे.
भ्रष्टाचार का लगता रहा है आरोप
रेलवे प्रशासन में लगातार कई तरह के ठेके के काम होते रहते हैं. इसे लेकर सीबीआइ की टीम ने कई बार रेल अधिकारियों व बाबुओं के कार्यालय व घर पर छापामारी की है और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी व कर्मचारियों को तलब किया है. वहीं मंत्रलय में भी ठेका, पोस्टिंग, प्रमोशन व अन्य तरह की काम में भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही थी. इसे देखते हुए रेलवे प्रशासन ने आदेश जारी किया है. रेलवे बोर्ड अधिकारियों की संपत्ति का ब्योरा रखेगा. बोर्ड कुछ साल के बाद दोबारा ऐसी जानकारी मांगेगा और आय से अधिक संपत्ति होने के बाद उस अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई भी की जा सकती है.
धनबाद : रेलवे प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को मोबाइल कनेक्टिविटी देने के मामले में बड़ा फैसला किया है. लगभग छह लाख अधिकारियों व कर्मचारियों को बिना रेंटल चार्ज के मोबाइल सुविधा मिलेगी.
इससे पहले हर महीने रेल कर्मचारियों को प्रतिमाह दो सौ रुपया रेंटल चार्ज देना पड़ रहा था. इसे रेल टेल से समाप्त कर नया सीयूजी स्कीम तैयार किया है. इसके आधार पर सेवा देने वाली निजी कंपनी के साथ करार भी हो गया है. नये करार के अनुसार कंपनी ने अपनी सेवा एक मई से शुरू कर दी है.
इसके तहत कर्मचारी उतनी ही राशि देगें, जितने की वे बात करेंगे. इसके अलावा सीयूजी नंबर से पहले की तरह ही मुफ्त में बातें होगी. नये स्कीम का फायदा निचले स्तर के कर्मचारियों को भी मिलेगा. अब वे भी मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़ जायेंगे, जबकि पुराने करार में सीयूजी नंबर लेने वाले को बात नहीं करने पर भी रेंटल देना पड़ रहा था.
300 से से हजार तक की सुविधा : रेलवे के अधिकारी-कर्मचारी महीने में कितने रुपये तक की बातचीत कर सकते हैं, यह भी तय कर दिया गया है. इसमें ग्रेड के अनुसार तीन सौ रुपये से लेकर हजार रुपये तक की सीमा तय की गयी है. तय राशि के अनुसार ही अधिकारी व कर्मचारी बात कर पायेंगे. इस स्कीम के तहत कर्मचारी व अधिकारी मुफ्त में एसएमएस की सुविधा भी ले पायेंगे.

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