– संजीव झा –
धनबाद : हेमंत सरकार में टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो को जगह नहीं मिलने से इस सरकार में धनबाद का प्रतिनिधित्व होने की संभावना क्षीण हो गयी है. झारखंड में यह दूसरा मौका होगा जब लोकप्रिय सरकार में धनबाद को जगह नहीं मिलेगी.
बिहार से अलग होने के बाद अलग राज्य बनते ही झारखंड की प्रथम सरकार में धनबाद जिले के तीन विधायक पशुपति नाथ सिंह, बच्चा सिंह एवं जलेश्वर महतो मंत्री बने.
बाबूलाल सरकार गिरने के बाद बनी अर्जुन मुंडा सरकार में भी पहले तीन तथा बाद में दो मंत्री बने. निर्दलीय मधु कोड़ा के नेतृत्व में राज्य में बनी पहली गैर भाजपा सरकार में भी धनबाद का प्रतिनिधित्व निरसा की विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने किया. 2008 की शिबू सरकार में भी धनबाद का कोई मंत्री नहीं था.
पर 2009 चुनाव के बाद बनी शिबू सरकार में पहली बार टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. बाद में मुंडा सरकार में भी श्री महतो को दुबारा मंत्री बनाया गया. दोनों ही बार उन्हें राजस्व जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया गया.
अंतिम समय में कटा पत्ता
हेमंत सरकार के गठन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मथुरा महतो का मंत्री बनना तय माना जा रहा था. लेकिन अंतिम समय में उनका पत्ता साफ हो गया. हां, उनके दामाद जयप्रकाश बाबू पटेल को मंत्री बनाया जा रहा है. इससे धनबाद में झामुमो समर्थक काफी मायूस हैं.
मन्नान मल्लिक पर आस
धनबादवासियों को अब कांग्रेस कोटा के मंत्रियों का इंतजार है. कांग्रेस कोटा से तीन मंत्रियों के नाम की घोषणा टल गयी है. धनबाद के विधायक मो. मन्नान मल्लिक भी मंत्री बनाने के लिए जोर लगाये हुए हैं. अगर सरफराज अहमद का पत्ता कटा तो श्री मल्लिक को मौका मिल सकता है. हालांकि इसकी बहुत अधिक संभावना नहीं है.