धनबाद: बैंक मोड़ पुलिस ने टेंपरिंग कर चेक भुना अपने खाते में कैश कराने वाले जालसाज देवेश शर्मा उर्फ रणजीत कुमार यादव को बुधवार को जेल भेज दिया. एसबीआइ धनबाद शाखा के सहायक प्रबंधक अरुण कुमार सिन्हा की शिकायत पर एफआइआर दर्ज की गयी है. देवेश की गिरफ्तारी की सूचना एसबीआइ मुजफ्फरपुर को भी मिल गयी है. आरोपी का असली नाम देवेश कुमार शर्मा है. पुलिस को देवेश का पैन कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस भी हाथ लग गया है. पुलिस छानबीन में खुलासा हुआ है कि बैंक खाता खुलवाने में इंट्रोडय़ूसर के दस्तखत मामले में भी देवेश ने जालसाजी की है.
एसबीआइ की आइएसएम ब्रांच में खाता खोलने के समय नित्यानंद मांझी को इंट्रोडय़ूसर बनाया है. दोनों जगह बीएसनएल का फर्जी बिल, जाली ड्राइविंग लाइसेंस जमा किया गया. पैन कार्ड भी जाली पता देकर पहले ही बनवा लिया गया था. विश्वास में लेकर नित्यानंद का हस्ताक्षर फार्म पर करा लिया गया. बैंक मोड़ मुख्य शाखा में खाता खोलने के दौरान तेलीपाड़ा निवासी खाताधारक भरत प्रसाद साह का जाली हस्ताक्षर आवेदन पर कर लिया.
मुजफ्फरपुर में अशोक गुप्ता के नाम से धोखाधड़ी : देवेश ने अशोक गुप्ता के नाम पर मजफ्फरपुर एसबीआइ की रेडक्रास शाखा में फर्जीवाड़ा कर दस लाख रुपये का चेक जमा किया. यह चेक बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुढ़नी (मुजफ्फरपुर) द्वारा अशोक गुप्ता के नाम निर्गत था. जालसाज ने कैश होने के बाद दो मार्च को 7 लाख कैश निकाल लिये. इसके बाद 18 मार्च 2013 को एटीएम से एक बार 25,000 तथा एक बार में 15,000 रुपये की निकासी की. जब बैंक को धोखाधड़ी की सूचना मिली तो बचे 2.60 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया गया था.