निरसा/मैथन: आर्थिक बदहाली से उबरने के लिए डीवीसी के अवैध बिजली काटो अभियान से आक्रोशित मेनगेट किस्कू मार्केट व आसपास के दुकानदारों ने शनिवार को डीवीसी के संयुक्त प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार को जाम कर दिया. शाम को सीआइएसएफ ने लाठी चार्ज कर उन्हें हटाया. इसमें महिला समेत चार लोग घायल हो गये. अफरा-तफरी […]
निरसा/मैथन: आर्थिक बदहाली से उबरने के लिए डीवीसी के अवैध बिजली काटो अभियान से आक्रोशित मेनगेट किस्कू मार्केट व आसपास के दुकानदारों ने शनिवार को डीवीसी के संयुक्त प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार को जाम कर दिया. शाम को सीआइएसएफ ने लाठी चार्ज कर उन्हें हटाया. इसमें महिला समेत चार लोग घायल हो गये.
अफरा-तफरी मच गयी. हालांकि सीआइएसएफ ने लाठी चार्ज से इनकार किया है. इधर, अनुमंडल पदाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव ने पूरे मैथन थाना क्षेत्र में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी है. शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया. यह अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा. इस दौरान किसी तरह की सभा, जुलूस पर प्रतिबंध रहेगा.
दफ्तर में फंसे थे अधिकारी-कर्मी: डीवीसी ने गुरुवार को किस्कू मार्केट की लाइन काट दी थी. इससे पूरा मार्केट अंधकार में डूब गया. दुकानदारों ने लाइन जोड़ने की मांग को ले शुक्रवार को दो बार सड़क जाम की. इसके बाद देर रात तक चली वार्ता में डीवीसी प्रबंधन ने जेएसइबी से एनओसी मिलने पर ही लाइन देने की बात कही. शनिवार सुबह से दुकानदार आक्रोशित थे. उनका कहना था कि उनका व्यवसाय चौपट हो रहा है. दो दिनों से दुकान बंद पड़ी हुई है. डीवीसी प्रबंधन लाइन देने में दोहरी नीति अपना रहा है. आज करीब ग्यारह बजे किस्कू मार्केट को बंद कर दुकानदार कैंप पावर हाउस कार्यालय गये. वहां जब अधिकारी नहीं मिले तो 12 बजे संयुक्त प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार को जाम कर दुकानदार बैठ गये. उनकी मांग परियोजना प्रमुख जीपी सिंह से वार्ता की थी. इसके कारण डीवीसी कर्मी व अधिकारी टिफिन में भी बाहर नहीं निकल सके. इस बीच मैथन ओपी प्रभारी एचके मंडल ने सुलह का प्रयास किया, लेकिन दुकानदार बिजली की मांग पर अड़े रहे. जब छुट्टी के बाद भी कर्मियों को बाहर नहीं निकलने दिया तो कर्मियों ने अधिकारियों पर बाहर निकालने का दबाव बनाया. इसके बाद गेट पर तैनात भारी संख्या में सीआइएसएफ के जवानों ने शाम लगभग 6.30 बजे लाठी चार्ज कर दिया. लाठी चार्ज में एक महिला समेत तीन दुकानदार व अन्य घायल हो गये. एक जवान को भी चोट पहुंची.
लाठी चार्ज नहीं, जबरन हटाया : डीवीसी
इस संबंध में सीआइएसएफ के डिप्टी कमांडेंट मनमोहन सिंह का कहना है कि कर्मी व अधिकारी दिन भर कार्यालय में फंसे रहे. इससे महिला कर्मियों की परेशानी लगातार बढ़ रही थी. इसे देखते हुए दुकानदारों से उन्हें बाहर निकलने देने का आग्रह किया, जब वे नहीं माने तो गेट से जबरन हटाया गया. लाठी चार्ज नहीं किया गया. डीवीसी पीआरओ एम विजय कुमार ने घटना के संबंध में कहा कि प्रबंधन की ओर से लाठीचार्ज का कोई आदेश नहीं दिया गया था. परंतु छुट्टी के बाद महिलाकर्मियों के साथ किये गये र्दुव्यवहार से जब पुरुष कर्मी आक्रोशित हो गये, तब सीआइएसएफ ने कठोरता दिखायी. इधर घटनास्थल पर मौजूद कर्मियों व जवानों का कहना है कि दुकानदारों ने पत्थरबाजी भी की. इससे गेट में लगे बल्ब, एक बड़ी घड़ी व शीशा आदि क्षतिग्रस्त हो गये. वहीं दुकानदार इससे साफ इनकार कर रहे हैं.