धनबाद: सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वितीय पीके सिन्हा की अदालत में मंगलवार को रिश्वतखोरी मामले में सीएमपीएफ धनबाद कार्यालय के क्लर्क बृज बिहारी सिंह को पीसी एक्ट की धारा 7 व 13 (2) सहपठित 13 (1),(डी) में तीन-तीन वर्ष की कैद व दस-दस हजार अर्थ दंड की सजा सुनायी. दोनों सजाएं एक साथ चलेगी. अदालत ने सजायाफ्ता को ऊपरी अदालत में अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. नुनी बाई नामक महिला कर्मी गोधर कोलियरी से रिटायर की थी. उसकी पीएफ राशि भुगतान के बदले पांच सौ रुपये रिश्वत की मांग की गयी थी. सात जुलाई 2003 को रिश्वत लेते सीबीआइ ने क्लर्क को गिरफ्तार किया था.
देह व्यापार में एसपी की गवाही
न्यायिक दंडाधिकारी एसके वर्मा की अदालत में मंगलवार को देह व्यापार के मामले की सुनवाई हुई.अदालत में विशेष शाखा रांची के एसपी राजीव रंजन ने अपना बयान दर्ज कराया. घटना के वक्त वे धनबाद में डीएसपी (विधि व्यवस्था) के पद पर कार्यरत थे. उन्होंने अदालत को बताया कि 21 जून को जेसी मल्लिक रोड स्थित डोमन साव के मकान में देह व्यापार का धंधा चल रहा था. तत्कालीन इंस्पेक्टर रामाशंकर सिंह ने मकान में छापामारी कर संदिग्ध अवस्था में कई युवतियों को पकड़ा था.
रिमांड के लिए आवेदन
ब्यूटी पॉर्लर संचालिका सोनी देवी हत्याकांड के आइओ अनि रमेश कुमार ने मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एसके पांडेय की अदालत में आवेदन दाखिल कर जेल में बंद रवींद्र यादव व संतोष खटिक को केस में रिमांड करने की अपील की. आरोपीद्वय ऑर्म्स एक्ट व एनडीपीएस के एक मामले में जेल में बंद है. अदालत ने आरोपीद्वय को केस में रिमांड करने का आदेश दिया.
झननस की बैठक
धनबाद व्यवहार न्यायालय में मंगलवार को झारखंड नव निर्माण संघर्ष समिति धनबाद जिला इकाई की बैठक बार महासचिव देवीशरण सिन्हा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में चार अगस्त को गांधी सेवा सदन में एक दिवसीय विचार गोष्ठी के लिए संचालन समिति का गठन किया गया. इसमें राधेश्याम गोस्वामी, सोमनाथ चौधरी, अमित कुमार सिंह, सत्यप्रकाश सिंह, शहनाज बिलकिस, संजीव पांडेय, लाला हेमंत, विकास पाठक, पिंकी कुमारी, सत्यनारायण पांडेय, नवीन सिंह, पुष्पा सिंह, समित्र हाजरा आदि शामिल हैं.
गुरु पूर्णिमा का विरोध
धनबाद बार एसोसिएशन द्वारा सोमवार को बार के एसी बनर्जी हॉल में गुरु पूर्णिमा मनाये जाने के खिलाफ मंगलवार को अधिवक्ताओं का एक समूह ने बार अध्यक्ष को पत्र सौंपा. पत्र में कहा गया है कि बार में गुरु पूर्णिमा मनाने का क्या औचित्य है? इस पर्व से मुसलिम समुदाय के अधिवक्ताओं का कोई सरोकार नहीं है. विरोध करने वालों में सुरेश प्रसाद, शिवमंगल सिंह, मुकुल कुमार,सुरेंद्र आदि थे.