धनबाद : नारनोलिया सिक्यूरिटीज लिमिटेड के सीएमडी कृष्ण कुमार नारनोलिया ने यहां कहा कि भारत ने काफी उन्नति की है, लेकिन इसका फायदा कुछ ही भारतीय और विदेशियों को मिला. शीर्ष 35 भारतीयों की संपत्ति 80 करोड़ भारतीयों से ज्यादा है.
इसका कारण यह है कि आम जनता बढ़ती इच्छा, खर्च एवं कंज्यूरिज्म को लेकर कंफ्यूज है. जबकि 60 करोड़ की आबादी अशिक्षित है. इससे ज्यादा निराशाजनक तो यह है कि भारत में वैसे लोगों की भरमार है जो शिक्षित तो कहे जाते हैं लेकिन फाइनेंसियली अशिक्षित हैं, कारण हमारे पाठ्यक्रम में निवेश एवं वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह है ही नहीं, जिसके लिए हमारी शिक्षा नीति दोषी है.
श्री नारनोलिया शनिवार को धनसार स्थित एक होटल में नारनोलिया सिक्यूरिटीज लिमिटेड एवं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित निवेश को लेकर जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नारनोलिया सिक्यूरिटीज ने भारत के 13 राज्यों में निवेशकों की जागरूकता के लिए बॉम्बे स्टाक से टाइअप (गठबंधन) की है.
इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओड़िशा,छत्तीसगढ़, असम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय शामिल हैं. उन्होंने बताया कि लोग सोना, एफडी, शेयर और रियल स्टॉक में निवेश करते हैं. सोना और एफडी में अपेक्षाकृत निवेशकों को कम फायदा होता है.
रियल एस्टेट में इससे ज्यादा और इक्विटी (शेयर) में सबसे ज्यादा. बस ध्यान रहे कि कहां अपने पैसे का निवेश करें. दूसरा लांग टर्म के लिए ही यह ज्यादा फायदेमंद है. बांबे स्टॉक एक्सचेंज के पुरुषोत्तम सर्राफ ने कहा कि निवेश का निर्णय करते वक्त सभी निवेशक एक ही तरह की गलती कर बैठते हैं.
पिछले आंकड़े के अनुसार सोने का रिटर्न बहुत ही कम रहा है, जबकि शेयर का सबसे ज्यादा. इसीलिए सोने के निवेशकों को सोने में निवेश डी–मैट एकाउंट से करना चाहिए. पर्याप्त रिसर्च एवं एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही निवेश करना चाहिए. अटकलबाजी को हटाते हुए लंबे समय के लिए निवेश करना चाहिए.
बताया कि बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएससी) भारत की प्रमुख एक्सचेंज में से एक है, भारत की सबसे पुरानी और एशिया की पहली एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 137 वर्ष पूर्व 1875 में हुई थी. बीएससी की भूमिका भारत के पूंजी बाजार के साथ–साथ रिस्क मैनेजमेंट, क्लियरिंग, सेटलमेंट, मार्केट डाटा एवं शिक्षा में है.
इसके ट्रेड्रिंग प्लेटफॉर्म में स्मॉल एवं मिडकैप प्लेटफार्म भी उपलब्ध है. यह भारत के सर्वश्रेष्ठ पूंजी बाजारों की शिक्षा संस्थान चलाती है. साथ ही डिपोजिटरिज सर्विसेस के लिए सीडीएसएल के साथ जुड़कर वैश्विक साङोदार के रूप में डिपोजिट सर्विसेस उपलब्ध कराती है. मोके पर धनबाद के बड़ी संख्या में निवेशक उपस्थित थे.