धनबाद: डीलरों के लिए खुशखबरी. एसेसमेंट से बचना है तो कंपाउंड टैक्स के दायरे में आयें. सालाना पचास लाख तक कारोबार करनेवाले करने वाले वैसे डीलर ही कंपाउंडिंग ले सकते हैं जो अंतरराज्यीय खरीद-बिक्री नहीं करते हैं.
कंपाउंडिंग लेनेवाले डीलर आइटीसी का दावा भी नहीं कर सकते. उन्हें रिटेल की तरह बिक्री करनी होगी. पचास लाख से अधिक का सालाना कारोबार होने पर उनका कंपाउंडिंग स्वत: टूट जायेगा और सामान्य डीलर की तरह ट्रीट होगा.
नागरीय अंचल के उपायुक्त प्रभुनाथ हेंब्रम ने बताया कि कंपाउंडिंग लेने पर डीलर का वार्षिक एसेसमेंट नहीं होता. कंपाउंडिंग डीलर तिमाही पेमेंट व रिटर्न दाखिल करते हैं. जबकि सामान्य डीलरों को प्रतिमाह पेमेंट व रिटर्न दाखिल करना पड़ता है. धनबाद में बहुत सारे डीलर कंपाउंडिंग करा रहे हैं.