धनबाद: जमीन एग्रीमेंट किसी से और रजिस्ट्री किसी और को. पुलिस ने हस्तक्षेप किया, पांच घंटे के बाद समझौता हो गया. जिसके साथ पहले से एग्रीमेंट है रजिस्ट्री उसी के नाम पर होगी. खरीदार भी डीड वापस करने पर सहमत हो गये.
क्या है मामला : नावाडीह मौजा खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-881, मौजा साढ़े 26 डिसमिल में से 13.25 डिसमिल यानी आठ कट्ठा बिक्री के लिए एग्रीमेंट हुआ था. जमीन सिंफर के डिप्टी डायरेक्टर डा मृणाल कांति चक्रवर्ती व उनकी पत्नी महाश्वेता चक्रवर्ती की है. दोनों ने नावाडीह के मुखिया गौतम गोप के पिता राजेंद्र गोप के साथ एक लाख 61 हजार रुपये प्रति कट्ठा की दर से बिक्री का करार किया. 50 हजार रुपये एडवांस दिये गये. 25 दिसंबर को हुए एग्रीमेंट में दो माह के अंदर जमीन की रजिस्ट्री करानी थी. दो बार फिर राजेंद्र गोप ने क्रमश: दो लाख व एक लाख रुपये जमीन मालिक को दिये.
दो माह का एग्रीमेंट विस्तार किया. हालांकि जमीन मालिक एग्रीमेंट विस्तार की बात से इनकार कर रहे हैं. इस बीच एग्रीमेंट को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ और जमीन मालिक ने गुरुवार को दूसरे को जमीन रजिस्ट्री कर दी. एग्रीमेंट धारक राजेंद्र ने धनबाद थाना में शिकायत की. पुलिस ने जमीन खरीदार सहदेव चौहान (गोधर) व अन्य पांच लोगों को तिवारी होटल से पकड़ लिया. सबको थाना लाया गया.
सीएमआरआइ के डिप्टी डायरेक्टर सह जमीन मालिक व उनकी पत्नी धनबाद थाना पहुंचे और जमीन रजिस्ट्री को जायज ठहराया. इन लोगों का कहना था कि एग्रीमेंट फेल होने के बाद दूसरे को जमीन बेची गयी है. मुखिया व उनके पिता अपने साथ धोखाधड़ी होने की बात कह पुलिस से कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह कर रहे थे. पुलिस के यह कहने पर कि जालसाजी के आरोप में सभी को गिरफ्तार किया जायेगा, दोनों पक्ष नरम हो गये. आपसी सहमति हुई.
चक्रवर्ती दंपती ने जमीन की रजिस्ट्री रद्द कर राजेंद्र गोप के साथ एकरारनामा के अनुरूप रजिस्ट्री करने की बात कही. खरीदार भी डीड वापस कर जमीन से अपना दावा छोड़ने पर सहमत हो गये. समझौते के बाद थाने से सभी को छोड़ दिया गया.