धनबाद : न्यू टाउन हॉल में शनिवार की शाम अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. डॉ कुमार विश्वास ने अपने चिर-परिचित अंदाज में हर राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ हर घोटाले की चर्चा कर तीखे कटाक्ष किये.
उन्होंने अपनी मशहूर कविता कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है, मगर धरती की बेचैनी तो बस बादल समझता है.. गाकर सबको तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने कई शेर भी पढ़े. किसी के दिल की मायूसी जहां से हो के गुजरी है, हमारी सारी चालाकी वही पर खो के गुजरी है..तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना है कि तुम्हारी सो के गुजरी है हमारी रो के गुजरी है..पर लोग वाह-वाह कर उठे.
सम्मेलन में कवि आशीष अनल ने देशभक्ति पर कई कविताएं पढ़ी. उन्होंने तिरंगे पर कहा कि केसरिया माता का श्रृंगार दान है, श्वेत रंग प्यार शांति की जुबान है, चक्र शौर्य शक्ति का खुला बखान है, हरा रंग हरा भरा हिंदुस्तान है. कवि डॉ सुरेश अवस्थी ने सांप्रदायिक एकता पर कविताएं पढ़ी.
दीवाली में अली बसे, रमजान में राम ऐसा हो हमारा हिंदुस्तान. मसजिद में गीता सजे, मंदिर में कुरान फिर से सजे सारा हिंदुस्तान. मंजर भोपाली ने ‘मच गया शोर मेरे रोने का और आंसू अभी गिरा ही नहीं, हो गयी है उदासियां इतनी कोई हंसने की सोचता ही नहीं, यूं तो हर शख्स जी रहा है मगर, जिंदगी का कहीं पता ही नहीं, लोग यूं कर रहे हैं मनमानी जैसे मौजूद अब खुदा ही नहीं’ सुनाया.
सम्मेलन के बीच बीच में कवयित्री कीर्ति माथुर ने श्रृंगार के गीत गाये. कवि दिनेश बावरा ने अपनी कविताओं से खूब ठहाके लगवाये. लालू दुकान पर गये और बोले बंदरुआ का फोटो कितने में दिया, दुकानदार ने कहा साहब ठीक से देखो आइना है. उन्होंने दादा-दादी के जमाने की प्रेम गाथा भी सुनायी. इस मौके पर झरिया विधायक कुंती देवी, धनबाद विधायक मन्नान मल्लिक, आइजी मुरारी लाल मीणा समेत कई नेता व अधिकारी मौजूद थे.