अनिल पांडेय अपनी कविता से आज की राजनीति पर कर रहे चोटधनबाद. अच्छे प्रतिनिधि का चुनाव करने एवं गुलगुलियों के उत्थान के लिए समाज सेवी अनिल पांडेय ने बुधवार को स्वरचित कविता लिखे परचे अधिवक्ताओं के बीच बांटे. श्री पांडेय ने चुनाव में अपनी बात रखने का इसे गुलगुलिया तरीका बताया है. उन्होंने इसे गुलगुलिया उत्थान का संघर्ष भी बताया है. इस परचे में जहां लोगों से मतदान अवश्य करने की अपील की गयी है, वहीं अपनी समझ से अच्छे जन प्रतिनिधि का चुनाव करने की अपील भी की गयी है. कहा गया है कि अच्छी सड़क, सफाई, पानी – बिजली की समुचित आपूर्ति, बेहतर कानून-व्यवस्था होगी तभी संभव है जब आपका जनप्रतिनिधि अच्छा हो. परचा में समस्त समर्पण फाउंडेशन की अध्यक्ष सुमन तिवारी ने भी आम लोगों से स्वच्छ मतदान करने की अपील की है. आज कोर्ट परिसर में समर श्रीवास्तव, ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, अजय त्रिवेदी, अरुण सिंह, मुख्तार अहमद अंसारी, सिंकदर अंसारी, बीके सिंह, सुनील पांडेय सहित दर्जनों अधिवक्ताओं के बीच परचे बांटे गये . इस परचे पर लिखी कविताओं पर बहस भी हुई. इन कविताओं में मूल रूप से पार्टी विशेष के लोगों पर तीखा प्रहार किया है. बानगी देखिए .’ हड़बड़ में गड़बड़ कर गया बेचारा, नाहक गोड्से ने गांधी को माराचंद वर्ष गोड्से इंतजार कर लेते , गांधी अपने चेलों की करनी से खुद ही मर गये होते ! ‘और’तू मां है कमाल , तेरा बेटा भी बेमिसालमेरे बेटे ने तोड़ा खिलौना, उसकी मां ने ऐंंठी कान तेरे लाल ने लील ली पूरी पार्टी, तू आज भी करे उसका गुणगान तू मां है कमाल, तेरा बेटा भी है बेमिसाल ‘
मतदान को प्रेरित करने के लिए पर्चे बांटे
अनिल पांडेय अपनी कविता से आज की राजनीति पर कर रहे चोटधनबाद. अच्छे प्रतिनिधि का चुनाव करने एवं गुलगुलियों के उत्थान के लिए समाज सेवी अनिल पांडेय ने बुधवार को स्वरचित कविता लिखे परचे अधिवक्ताओं के बीच बांटे. श्री पांडेय ने चुनाव में अपनी बात रखने का इसे गुलगुलिया तरीका बताया है. उन्होंने इसे गुलगुलिया […]
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