धनबाद: 33 साल से उत्पाद विभाग में बहाली नहीं हो रही है. अंतिम बार 1980 में बहाली हुई थी. इससे विभाग का काम-काज प्रभावित हो रहा है. विभाग में पचास फीसदी पदाधिकारियों की कमी है. वहीं 75 फीसदी बल की कमी है. 78 की बजाय 20 सिपाही हैं. दो-तीन साल में सभी रिटायर्ड हो जायेंगे.
चालक एक ही है, जो जून माह के अंतिम दिन रिटायर्ड हो जायेगा. जिला प्रशासन की मदद से तीन-चार गाड़ियां व चालक की मदद से विभाग का काम चल रहा है. टाइपिस्ट एक भी नहीं है. जानकारी के अनुसार नियुक्ति नियमावली के अभाव में बहाली नहीं हो रही है. जबकि झारखंड बने 13 साल हो गये हैं.
महिला पुलिसकर्मी एक भी नहीं
धनबाद उत्पाद विभाग में एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं है. इसके कारण महिला कारोबारियों को नहीं पकड़ा जाता है. कभी-कभी अभियान आदि में महिला होमगार्ड का सहारा लिया जाता है.
राजस्व उगाही में आगे
उत्पाद विभाग की ओर से पांच साल पहले 55 करोड़ ही राजस्व उगाही हो पाती थी. जबकि आज के समय में 100 करोड़ राजस्व की उगाही हो रही है. शराब पीने वालों की संख्या काफी बढ़ी है. जानकारी के अनुसार धनबाद में 189 दुकानों में 183 दुकानों की बंदोबस्ती हो चुकी है. अभी 6 दुकानों की बाकी है. बरटांड़, हीरापुर व मुरलीडीह (तेलमच्चो) में दुकानों की बंदोबस्ती बाकी है. ढ़ाई महीने में 20 करोड़ से अधिक राजस्व उगाही की गयी है. पांच साल पहले 10 लाख राजस्व भी पार नहीं हो पाता था. उत्पाद विभाग राजस्व उगाही में काफी सक्रिय है. फिर भी विभाग की कमियां दूर नहीं हो पा रही है.
भवन मरम्मत के लिए शिकायत
उत्पाद विभाग कार्यालय की हालत जजर्र हो गयी है. छत का प्लास्टर कई जगहों से टूट गया है. इस संबंध में विभाग की ओर से भवन प्रमंडल को लिखा गया है.