धनबाद: बिहार में भाजपा, जदयू के गंठबंधन टूटने का सीधा असर कोयलांचल की राजनीति पर पड़ेगा. यहां की सभी विधानसभा एवं लोकसभा सीटों पर नये सिरे से समीकरण बनेंगे व बिगड़ेंगे. सबसे ज्यादा दिलचस्प नजारा बाघमारा का होगा. अलग झारखंड राज्य बनने के बाद यह पहला मौका होगा कि जब भाजपा एवं जदयू यहां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे.
यहां दोनों दलों के बीच गंठबंधन के तहत भाजपा धनबाद जिले की छह में से पांच तथा जदयू एक विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ता रहा है. अब दोनों ही दलों के पास सभी छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऑप्शन रहेगा. वैसे दोनों ही दलों के बीच झारखंड में रिश्ते में खटास पहले से आ चुकी है. दोनों ही दल के नेता अगला चुनाव अकेले लड़ने की बात करने लगे थे. आज बिहार में गंठबंधन टूटने के साथ यह तय हो गया कि अब दोस्त-दोस्त न रहा वाली स्थिति हो गयी है.
बाघमारा पर सबकी नजर
गंठबंधन टूटने के बाद जिले की बाघमारा विधानसभा सीट पर सबकी नजरें रहेंगी. यहां जदयू के जलेश्वर महतो दो बार गंठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते हैं. इस बार वहां मुकाबला रोचक होगा. भाजपा प्रत्याशी आने से जदयू प्रत्याशी की परेशानी बढ़ सकती है. भाजपा को भी बाघमारा में एक मजबूत चेहरा तलाशना होगा. हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष हरि प्रकाश लाटा कहते हैं कि बाघमारा सीट के लिए पार्टी के पास एक सशक्त उम्मीदवार है. वहीं जदयू नेता एवं पूर्व विधायक जलेश्वर महतो दावा करते हैं कि कोई भी दल चुनाव गंठबंधन नहीं, बल्कि अपनी ताकत पर लड़ता है. गंठबंधन टूटने से कोई परेशानी नहीं होगी.
दोनों दलों ने किया स्वागत : गंठबंधन टूटने का भाजपा एवं जदयू जिला कमेटी ने स्वागत किया है. भाजपा जिलाध्यक्ष हरि प्रकाश लाटा ने कहा कि झारखंड में जदयू से गंठबंधन पार्टी पर बोझ था. अब बोकारो, चंदनकियारी, बाघमारा जैसी सीटें भाजपा आसानी से जीत सकती है. भाजपा नेता रणविजय सिंह ने भी गंठबंधन का स्वागत किया है. दूसरी तरफ, जदयू की एक आपात बैठक जिलाध्यक्ष पिंटू कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में कहा गया कि गंठबंधन टूटने से यहां जदयू मजबूत होगा. बैठक में दिलीप सिन्हा, अरविंद राय, मुन्ना सिन्हा, प्रभाकर प्रसाद, भगवान दास शर्मा, धनलाल दुबे सहित कई मौजूद थे.