धनबाद: 2014 तक आरटीइ एक्ट का पूरी तरह अनुपालन करा लिया जाना है. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जबकि स्कूलों में 1:35 छात्र-शिक्षक अनुपात होना चाहिए. हर स्कूल में बाल संसद का गठन होना चाहिए. स्कूल में चाइल्ड फ्रैंडली इन्वायरमेंट जरूरी है. वर्ष 2015 में ऐसे सभी मामलों की समीक्षा की जायेगी.
ये बातें धनबाद दौरे पर आये झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य संजय मिश्र ने कही. वह गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वयं इन मामलों पर गंभीरता दिखायी है. सरकारी स्कूलों में विशेष टीमों द्वारा रेपिड एसेसमेंट कराया जायेगा.
बनेगा सीजनल हॉस्टल : राज्य के हर जिले में सीजनल हॉस्टल बनाया जायेगा, जहां सरकारी स्कूलों के ड्रॉपआउट छात्रों को रखा जायेगा. हर जिले में निगरानी कमेटी का गठन किया जा रहा है. जुवेनाइल कमेटी को न्यायिक अधिकार भी दिया जा रहा है.
अभिभावक महासंघ ने की शिकायत : श्री मिश्र से झारखंड अभिभावक महासंघ के रणविजय सिंह, मनोज मिश्र एवं भाजपा के मुकेश पांडेय आदि ने मुलाकात की. श्री मिश्र ने निजी स्कूलों में आरटीइ एक्ट का अनुपालन नहीं होने की बात कही.