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डीसी ऑफिस में सेवामुक्त सहिया हुई बेहोश

धनबाद : सेवामुक्त किये जाने के विरोध में मंगलवार को डीसी से न्याय की गुहार लगाने गयी झरिया चार नंबर की सहिया सोनम कुमारी सोलंकी समाहरणालय में बेहोश हो गयी. सहियाएं डीसी से मिल कर बाहर निकल रही थीं. वेटिंग कक्ष के पास घटना से अफरा-तफरी मच गयी. जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा ने सिविल […]

धनबाद : सेवामुक्त किये जाने के विरोध में मंगलवार को डीसी से न्याय की गुहार लगाने गयी झरिया चार नंबर की सहिया सोनम कुमारी सोलंकी समाहरणालय में बेहोश हो गयी. सहियाएं डीसी से मिल कर बाहर निकल रही थीं. वेटिंग कक्ष के पास घटना से अफरा-तफरी मच गयी. जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा ने सिविल सर्जन को फोन कर तुरंत एंबुलेंस की मांग की.
कुछ ही देर में एंबुलेंस पहुंचा. सोनम को पीएमसीएच ले जाया गया. घटना दोपहर 1.30 बजे के आसपास की है. मई 2018 को 610 सहिया को उनके कार्य से मुक्त कर दिया गया है. सभी सहिया सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा कर काम पर रख लेनने की गुहार लगा रही हैं. सोनम के पति का नाम सुनील सोलंकी है. मौके पर सहिया चुमकी देवी, पिंकी सोनी, पिंकी कुमारी, बेबी देवी, देवा देवी, संगीता देवी, अनिता देवी, श्यामली दत्ता, संसार देवी, मंगला देवी व सातो देवी मौजूद थी.
मिला था सकारात्मक आश्वासन : दोपहर 12 बजे लगभग 13 सहियाएं उपायुक्त कक्ष के बाहर वेटिंग हॉल में पहुंचीं. यहां उनका नंबर आने के बाद उपायुक्त से मिलने दिया गया. सहियाओं ने यहां डीसी को दुखड़ा सुनाया. उपायुक्त ने न्याय दिलाने का भरोसा दिया. इसके बाद सिविल सर्जन को तलब किया गया. सहियाएं बाहर वेटिंग हॉल में आयीं. सूचना पर सिविल सर्जन के प्रभारी डॉ आलोक विश्वकर्मा उपायुक्त के पास पहुंचे. सहियाओं को दोबारा बुलाया गया. इसके बाद उपायुक्त ने सकारात्मक आश्वासन दिया.
बाहर निकलते वक्त वेटिंग हॉल में सोनम को चक्कर आ गया, जमीन पर ही गिर कर वह बेसुध हो गयी. सहियाओं ने हल्ला करना शुरू कर दिया. उपायुक्त साथ कक्ष में बैठी डीपीआरओ रश्मि सिन्हा बाहर आ गयी. उन्होंने सिविल सर्जन को घटना स्थल पर बुलाया, साथ ही एंबुलेंस की मांग की. पीएमसीएच के ओपीडी में सोनम का इलाज किया गया. उसे होश अा गया. बाद में प्राथमिक इलाज के बाद छोड़ दिया गया.
शहरी क्षेत्र कह कर राज्य सरकार ने कर दी है छुट्टी
बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं के प्रसव, बच्चों का टीकाकरण, मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने सहित स्वास्थ्य विभाग की सभी योजनाओं का सही रूप में क्रियान्वयन का जिम्मा इन्हीं सहिया के ऊपर है. 11 वर्ष तक सेवा देने के बाद सरकार के निर्देश पर उन्हें यह कह कर कार्य से मुक्त कर दिया गया है कि नगर निगम क्षेत्र (शहरी) में उनकी आवश्यकता नहीं है.
24 नवंबर 16 को आंगनबाड़ी सेविका ने काटी थी नस
धनसार आंगनबाड़ी नंबर 254 की सेविका रूबी जोशी उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाने 24 नवंबर 2016 को जनता दरबार में समाहरणालय आयी थी. यहां उपायुक्त के सामने ही हाथ की नस ब्लेड से काट ली थी. उसके बाद जहर भी खा लिया था. जिला प्रशासन ने महिला के इलाज में 80 हजार रुपये से अधिक खर्च किये थे.

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