मैथन: डीवीसी के प्रभारी चेयरमैन अरूप राय चौधरी का एक संदेश इन दिनों अधिकारियों व कर्मियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. संदेश में श्री चौधरी ने अपनी पेशेवर सफलता की राष्ट्रीय पहचान का जिक्र करते हुए जताना चाहा है कि वह जो भी कर रहे हैं वह डीवीसी के हित में. अपने संदेश में उन्होंने कहा है कि डीवीसी को संकट से उबारने की कोई भी पहल कर्मचारियों के हित के विरोध में नहीं जायेगा.
संदेश का सार यह है कि उन्होंने जो कुछ किया है वह डीवीसी के विकास के लिए. दूसरी ओर अधिकारी-कर्मचारी वर्ग प्रभारी अध्यक्ष के सक्रियताओं के संदेह की नजरों से देखते हैं. उनका मानना है कि प्रभारी चेयरमैन एनटीपीसी के सीएमडी भी हैं. वह एनटीपीसी के विस्तार के लिए डीवीसी को विखंडित करना चाहते हैं.
डीवीसी की ट्रांसमिशन लाइन, डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम, दुर्गापुर बैरेज तथा सिंचाई व्यवस्था बंगाल को देकर एनटीपीसी का प्लांट लगाना चाहते हैं. कर्मचारी यह मानने को कतई तैयार नहीं कि उनके कदम पूर्व अध्यक्ष के प्रयासों की कड़ी में नहीं. उनका कहना है कि तत्कालीन अध्यक्ष आरएन सेन के समय से ही डीवीसी के विखंडन का प्रयास शुरू हो गया था. उसी योजना को श्री चौधरी अमली जामा पहनाना चाह रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह सब सोची-समझी रणनीति के तहत हो रहा है.
इसके लिए डीवीसी में एनटीपीसी के चाटुकार अधिकारियों की फौज सक्रिय है. उन्होंने यह भी ख्याल नहीं किया कि वे देश की पहली बहुउद्देश्यीय योजना की नींव को खोखला कर रहे हैं. डीवीसी के कुछ प्लांट तैयार हैं, जो कुछ तकनीकी कारणों से नहीं चल पा रहे हैं. इसमें एनटीपीसी पदाधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद है. कहा कि श्री चौधरी झारखंड, बंगाल व केंद्र सरकार को गलत सूचना देकर एनटीपीसी का हित साधने में लगे हुए हैं. बताया गया कि रविवार को डीवीसी उन्नयन समिति की बैठक में वर्तमान अवस्था पर चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार की जायेगी.