अंतरजातीय विवाह का घर वालों ने किया था विरोध
बिना शादी के बनी मां
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बिना शादी के बनी मां: बच्ची को अस्पताल में जन्म देकर भाग गयी स्कूली छात्रा
अंतरजातीय विवाह का घर वालों ने किया था विरोधबिना शादी के बनी मां धनबाद : एमसीएच में एक बच्ची को जन्म देने के कोई 36 घंटे बाद बाद प्रसूता भाग खड़ी हुई. वह कोई 18 साल की रही होगी. उसके गायब होने का पता तब चला जब नर्स उसे दवा देने आयी. अस्पताल में तरह-तरह […]
धनबाद : एमसीएच में एक बच्ची को जन्म देने के कोई 36 घंटे बाद बाद प्रसूता भाग खड़ी हुई. वह कोई 18 साल की रही होगी. उसके गायब होने का पता तब चला जब नर्स उसे दवा देने आयी. अस्पताल में तरह-तरह की चर्चा होने लगी. लोग बच्ची के भविष्य को लेकर चिंता जताने लगे. बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है. वह बड़ी प्यारी लग रही है. फिलहाल उसे न्यू नेटल इंंसेटिव केयर यूनिट (एनआइसीयू) में रखा गया है. पुलिस व सीडब्लूसी को सूचना दे दी गयी है.
सोमवार की रात 1.25 बजे हुआ प्रसव, बुधवार को फरार : कतरास रोड निवासी युवती को प्रसव के लिए परिजन सोमवार की रात 11 बजे पीएमसीएच लेकर आये. रात 1.25 बजे लड़की की नार्मल डिलिवरी हुई. बच्ची का वजन 2.375 किलो है. मंगलवार को लड़की वार्ड में बच्ची के साथ भर्ती रही. बुधवार को दोपहर 12 बजे लड़की अस्पताल से बिना किसी को बताये चली गयी.
सूचनाएं निकली गलत : लड़की ने अस्पताल में जो सूचना दी है, उसे गलत माना जा रहा है. उसने अपना पता कतरास रोड झरिया लिखा था. जो फोन नंबर दिये हैं उसका अस्तित्व नहीं है. लेकिन वह और उसके परिजनों से बातचीत में लोगों को जो जानकारी मिली उसके अनुसार वह स्कूली छात्रा है. उसका एक दूसरे जाति के लड़के से प्रेम था. दोनों में संबंध बन गया. लेकिन घर वाले अंतरजातीय विवाह को राजी नहीं हुए. वह गर्भ गिराने की स्थिति में नहीं थी.
उसके साथ पीएमसीएच आने वाली एक महिला खुद को लड़की की बड़ी मां बता रही थी. हालांकि लड़की के माता-पिता अस्पताल आये या नहीं, पता नहीं चल पाया.
लिख कर गयी
मां-पिता कर रहे विरोध, बच्ची को नहीं रख सकती
लड़की ने बुधवार को इलाज कर रहे व्यक्तिगत मेडिकल रिकॉर्ड पर्ची में लिखा कि नवजात को लेकर घर में मां-पिता विरोध कर रहे हैं. घर में कोई रखने को तैयार नहीं है. ऐसे में बच्ची को अपने घर नहीं रख सकती हूं. इसके बाद लड़की ने अपना साइन किया है.
वार्ड की प्रसूताओं ने नवजात को पिलाया दूध
नवजात बच्ची भूख के कारण काफी रोने लगी. वार्ड में भर्ती दूसरी प्रसूताओं ने उसे अपना दूध पिलाया. शाम में एनआइसीयू में भर्ती करने के बाद यहां की नर्सों ने सेवा शुरू की. यहां पर बोतल से दूध पिलाया जाने लगा.
सीडब्ल्यूसी की निगरानी में बच्ची : शंकर रवानी
सीडब्ल्यूसी के सदस्य शंकर रवानी ने बताया कि जब बच्ची को कोई नहीं ले जा रहा है, तो यह अब सीडब्ल्यूसी की निगरानी में रहेगी. चिकित्सक से राय के बाद उसे हजारीबाग भेजा जायेगा. जहां स्पेशल एडॉप्शन सेंटर में बच्ची की देखरेख की जायेगी. किसी जरूरतमंद को बच्ची चाहिए, तो वह आॅन लाइन आवेदन कर सकता है.
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