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संजय सिंह हत्याकांड में रामधीर का केस होगा री-ओपेन
धनबाद: कोयला व्यवसायी संजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत में हुई. अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विनोद सिंह हत्या कांड में जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में उम्र कैद की सजा काट रहे बलिया के पूर्व जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह की […]
धनबाद: कोयला व्यवसायी संजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत में हुई. अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विनोद सिंह हत्या कांड में जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में उम्र कैद की सजा काट रहे बलिया के पूर्व जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह की पेशी करायी. अदालत ने रामधीर के केस को फिर खोलने का आदेश दिया. अदालत में अन्य आरोपी काशीनाथ सिंह व पवन कुमार सिंह हाजिर थे. अदालत ने उनका सफाई बयान दंप्रसं की धारा 313 के तहत कलमबद्ध किया. दोनों ने आरोप से इनकार किया. अदालत ने बहस की तिथि शुक्रवार 24 नवंबर मुकर्रर कर दी. रविशंकर सिंह ने हाइकोर्ट से स्टे ऑर्डर ले रखा है.
क्या है मामला : 26 मई 96 को सुबह साढ़े दस बजे एसपी कोठी के निकट कोयला कारोबारी संजय सिंह की गोली मार कर हत्या दी गयी थी. हत्या की प्राथमिकी बहनोई कृष्णा सिंह के फर्द बयान पर सुरेश सिंह व पप्पू सिंह उर्फ रविशंकर सिंह के विरुद्ध दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी के अनुसार संजय सिंह गाड़ी संख्या बीआर 17एच-0003 से सुरेश सिंह व पप्पू सिंह के साथ घर से निकले थे. थोड़ी देर बार संजय की पत्नी पुष्पा सिंह को मदन सिंह ने फोन कर बताया कि उनके पति को गोली मार दी गयी है. सूचना पर ये लोग केंद्रीय अस्पताल धनबाद गये जहां डॉक्टरों ने संजय को मृत घोषित कर दिया था. प्राथमिकी में कृष्णा सिंह ने आरोप लगाया था कि व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता के कारण सुरेश सिंह ने गोली मार कर संजय सिंह की हत्या कर दी थी. अनुसंधान के बाद पुलिस ने सुरेश सिंह एवं रविशंकर सिंह उर्फ पप्पू सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. बाद में हाइकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीआइडी से करायी गयी. सीआइडी ने अनुसंधान पूरा कर रामधीर सिंह, पवन कुमार सिंह, राजीव रंजन सिंह, काशीनाथ सिंह व विनोद सिंह के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था. रामधीर सिंह का केस री ओपेन होने से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है.
बिल्डर ने किया पार्टनर पर धोखाधड़ी का केस
शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन के पार्टनर संजय कुमार सिंह (जोड़ाफाटक, धनबाद) ने गुरुवार को अपने अधिवक्ता जया कुमार के मार्फत अपने पार्टनर रणधीर सिंह (बारामुड़ी, धनबाद) के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में शिकायतवाद 3551/ 17 दायर कर धोखाधड़ी व मारपीट का आरोप लगाया है. संजय ने अपने शिकायतवाद में कहा है कि रणधीर सिंह व मेरे बीच 12 अगस्त 13 को एक एकरारनामा बना था. जिसमें श्री गणेश अपार्टमेंट का कंस्ट्रक्शन करने का जिक्र था. जब उक्त अपार्टमेंट बन कर तैयार हो गया तब आरोपी ने बगैर मुझे बताये उक्त अपार्टमेंट को दो करोड़ बीस लाख में बेच दिया. मेरा शेयर नहीं दिया. 22 नवंबर 2017 को शाम पांच बजे जब मैं अपने दो आदमी के साथ रणधीर सिंह के आवास (बारामुड़ी) गया और एक करोड़ दस लाख रुपये की मांग की तब उसने मेरे साथ मारपीट की और मेरा शेयर 50 प्रतिशत नहीं दिया. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि मुकर्रर कर दी.
नौकरी फर्जीवाड़ा में हुई सुनवाई, आदेश सुरक्षित
पोस्टल डिपार्टमेंट में फर्जी सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर नौकरी दिलाने के मामले में आरोपित कृष्णाचंद्र मिश्रा की अग्रिम जमानत पर सुनवाई गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में हुई. अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा.
सदभाव मामले में नहीं हुआ केस कमिटमेंट
सदभाव आउट सोर्सिंग धनसार में वर्ष 2016 में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प व जानलेवा हमला मामले की सुनवाई गुरुवार को न्यायिक दंडधिकारी अर्पित श्रीवास्तव की अदालत में हुई. अदालत में डिप्टीमेयर गैर हाजिर थे. अदालत में पूरा पुलिस पेपर उपलब्ध नहीं रहने के कारण केस का कमिटमेंट नहीं हो सका. इस मामले को सेशन न्यायालय में विचारण के लिए भेजा जाना था. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 27 नवंबर मुकर्रर कर दी. ज्ञात हो कि 18 अक्तूबर 16 को धनसार स्थित आउट सोर्सिंग में वर्चस्व को लेकर दो गुटों के बीच मारपीट हुई थी.
अभियोजन नहीं ला सका आइओ को
व्यवहार न्यायालय में विकास कुमार के साथ की गयी मारपीट के एक मामले की सुनवाई न्यायिक दंडाधिकारी तबिंदा खान की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी धनबाद नगर निगम के डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह उर्फ छोटे सिंह, मृत्युंजय सिंह व मुन्ना सिंह गैर हाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व आवेदन दायर किया. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तिथि 20 दिसंबर मुकर्रर कर दी. आज मामले में आइओ की गवाही हेने वाली थी. लेकिन अभियोजन आइओ को नहीं ला सका. विदित हो कि 4 सितंबर 08 को विकास कुमार सेशन कोर्ट में आरोप गठन के लिए आये थे. जब वे कोर्ट से बाहर निकले तभी आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया. हाजत प्रभारी नरेंद्र कुमार सिन्हा ने धनबाद थाना में एफआइआर दर्ज कराया.
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