उपायुक्त ने कहा कि खबर के लिए विश्वसनीयता सबसे बड़ी चुनौती है. सबसे पहले खबर छापने के चक्कर में भी कभी-कभी वह चीजें बड़ी छप जाती है जिसकी उतनी जरूरत नहीं होती. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की सूचनाएं विश्वसनीय नहीं होती. हमलोगों को जब उसके माध्यम से सूचनाएं मिलती है तो पहले उसकी पुष्टि करवा लेते हैं.
उन्होंने यह भी माना कि आज बेरोजगारी इतनी है कि लोगों को उनके मनोकूल रोजगार नहीं मिल पाता. क्षेत्रीय रिपोर्टरों के बारे में भी उन्होंने चर्चा की. इससे पहले सेमिनार में विषय प्रवेश जिला जन संपर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा ने किया. उन्होंने आज के दिन की महत्ता बतायी. सेमिनार में पत्रकार मृत्युंजय पाठक, अभिषेक कुमार, संजय मिश्रा, राजकुमार, प्रियेश कुमार, शैलेश रावल, विजय पाठक, राजेंद्र प्रसाद, अरुण वर्णवाल आदि ने भी अपने विचार रखें.