70 फीसदी ग्रामीण खेती पर निर्भर हैं. वह साल भर खाने का अनाज नहीं उगा पाते है. मजदूरी करना पड़ता है. ननि में शामिल होने से मनरेगा से मिलने वाला रोजगार समाप्त हो जायेगा. इससे बेरोजगारी बढ़ेगी. उन पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा. सरकार बिना सुविधा दिये पंचायतों को नगर निगम में किस आधार पर शामिल कर रही है. सरकार की यह नीति पूरी तरह जनविरोधी है.
ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कहा कि जरूरत पड़ने पर वह आंदोलन भी करेंगे. मौके पर मुखिया बैजनाथ रजक, लोकनाथ राम, प्रेमचंद महतो, विकास कुमार महतो, सुनील मंडल, अहमद अली, बैद्यनाथ दास, दशरथ पासवान, काशीनाथ यादव, मीना देवी, लक्ष्मी देवी आदि मौजूद थे.