27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उर्वी यह तूने क्या किया!

धनबाद: दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में 11 वीं में एडमिशन के लिए निकली पहली सूची में नाम नहीं आने से पंद्रह वर्षीया उर्वी को इतनी निराशा हुई कि उसने फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. उर्वी झाड़डीह के गौरी अपार्टमेंट में रहती थी. उसके पिता जीतेंद्र सिंह बिल्डर हैं, जबकि मां डॉ रजनी सिन्हा […]

धनबाद: दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में 11 वीं में एडमिशन के लिए निकली पहली सूची में नाम नहीं आने से पंद्रह वर्षीया उर्वी को इतनी निराशा हुई कि उसने फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. उर्वी झाड़डीह के गौरी अपार्टमेंट में रहती थी. उसके पिता जीतेंद्र सिंह बिल्डर हैं, जबकि मां डॉ रजनी सिन्हा सरकारी चिकित्सक हैं. शनिवार को उर्वी घर में अकेली थी. मां व पिता बाहर थे. भाई भी स्कूल गया था. दोपहर में भाई स्कूल से लौटा तो आवाज देने पर भी उर्वी ने दरवाजा नहीं खोला. पड़ोसी व मां को सूचना दी गयी. मुख्य दरवाजा खोला गया.

उर्वी का कमरा बंद था. दरवाजा तोड़कर लोग अंदर गये. वह पंखे के सहारे फांसी पर लटकी थी. पोस्टमार्टम के बाद शव की अंत्येष्टि कर दी गयी. उर्वी डीपीएस की छात्र थी. हाल में उसने 10 वीं की परीक्षा दी थी. उसी स्कूल में 11 वीं में एडमिशन के लिए टेस्ट लिया गया था. पहली सूची में उसका नाम नहीं रहने से उसे सदमा लगा. वह मेधावी थी. इस घटना ने लोगों को झकझोर दिया है. आज की शिक्षण व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं.

..पापा मेरे साथ नाइंसाफी हुई है!
प्लस टू के लिए निकली पहली सूची में अपना नाम नहीं मिलने से उर्वी काफी आहत थी. गुरुवार को स्कूल में रिजल्ट निकलने के बाद घर में उसने कहा था : पापा मेरे साथ नाइंसाफी हुई है. मैंने टेस्ट में बुहत अच्छे से सवालों के जवाब लिखे थे. परिजनों के अनुसार दिल्ली पब्लिक स्कूल से ही दसवीं बोर्ड की परीक्षा देने वाली उर्वी को मॉक टेस्ट में टेन सीजीपीए मिला था. क्लास की टॉप टेन स्टूडेंट में उसका नाम था. लेकिन, पहली सूची में नाम नहीं होने से वह पिछले दो दिनों से काफी तनाव में थी. हालांकि, उसके अभिभावक एवं शिक्षकों ने समझाया था कि एडमिशन हो जायेगा.

बच्चे की इच्छा जब पूरी नहीं होती और वो उस बात को जब सोशल प्रेसटिज से भी जोड़ देते हैं तब बच्चे फ्रस्ट्रेशन के कारण स्ट्रेस में चले जाते हैं. ऐसे में बच्चे खुद को संभाल नहीं पाते और कभी-कभी गलत कदम भी उठा लेते हैं, जो ठीक नहीं होता. पैरेंट्स व शिक्षकों को ऐसे मामलों में पहले से ही ध्यान देना चाहिए.

डॉ आरएस यादव

मनोविज्ञानी, पीके राय कॉलेज

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें